Steam For Corona: क्या वाकई भाप लेने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है? जान लें ये 9 जरूरी बातें

Steam For Corona: क्या वाकई भाप लेने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है? जान लें ये 9 जरूरी बातें
Coronavirus का डर लोगों में इतना अधिक है कि वे तुरंत ही कुछ भी सुनकर और पढ़कर यकीन कर लेते हैं। …और ना सिर्फ यकीन कर रहे हैं बल्कि बताए जा रहे नुस्खों को अमल में भी लाने लगते हैं। तरह-तरह की पुड़िया या पोटली पॉकेट में रखने के बाद अब नया ट्रेंड भाप लेने का देखने को मिल रहा है… तेजी से विश्वास फैला है कि Steam Therapy लेने से कोरोना वायरस के संक्रमण से ना सिर्फ बचा जा सकता है बल्कि कोरोना को मारा भी जा सकता है…

ऐसे बना लोगों का भरोसा

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कोरोना से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लोग हर दिन कुछ ना कुछ नया तलाश करने में जुट जाते हैं। ताकि इस जानलेवा वायरस के संक्रमण से बचा जा सके। इम्युनिटी बढ़ानेवाले फूड्स और ड्रिंक के साथ ही अब लोग स्टीम थेरपी भी रुटीन में लेने लगे हैं। इसकी वजह यह विश्वास है कि स्टीम की गर्माहट से कोरोना मर जाएगा और इसका असर शरीर पर नहीं हो पाएगा।

हर्ब्स की स्टीम लेने का क्रेज

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एक तरफ जहां कुछ लोग केवल सादे पानी की भाप ले रहे हैं तो कुछ लोग विक्स, संतरे और नींबू के छिलके, लहसुन, टी-ट्री ऑइल, अदरक, नीम की पत्तियों जैसी हर्ब्स का उपयोग कर रहे हैं। क्योंकि ये सभी हर्ब्स ऐंटिमाइक्रोबियल होती हैं इसलिए लोगों का मानना है कि ये वायरस को किल करने में भी असरकारी हो सकती हैं।

CDC और WHO की मान्यता

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कुछ लोग यह सलाह भी दे रहे हैं कि आप 15 से 20 मिनट तक या जितनी देर ले सकते हैं, उतनी देर स्टीम लें। लेकिन ना तो Centers for Disease Control and Prevention(CDC) और ना ही World Health Organization(WHO) ने इस बात की पुष्टि की है कि स्टीम थेरपी कोरोना वायरस का इलाज है।

क्या कहती है ‘जामा’ की रिपोर्ट

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काफी सारी स्टडीज में यह भी सामने आया है कि कोल्ड से जूझ रहे उन पेशंट्स को स्टीम थेरपी का कोई खास लाभ नहीं होता है, उन पेशंट्स की तुलना में जो स्टीम ना ले रहे हों। ये स्टडीज The Journal Of The American Medical Association (JAMA) में करीब 15 साल पहले पब्लिश हो चुकी हैं।

डॉक्टर इसलिए देते हैं सलाह

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हालांकि हमें सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम होने पर भाप लेने की सलाह कई बार हमारे डॉक्टर के द्वारा ही दी जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्टीम हमारी नाक और गले में जाकर वहां जमा म्यूकस (जिससे कफ बनता है) को पतला करती है। इससे हमें सांस लेने में आसान होती है और हम काफी राहत महसूस करते हैं।

इसलिए मिलती है भाप से राहत

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जुकाम के वक्त भाप लेने से इसलिए राहत मिलती है क्योंकि ठीक प्रकार से सांस ना ले पाने के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन उतनी मात्रा में नहीं पहुंच पाती, जितनी मात्रा हमारे शरीर को चाहिए होती है। इस कारण शरीर में भारीपन और ऊर्जा की कमी का अहसास होता है। जबकि भाप लेने का बाद श्वांस की नलियां खुल जाती है और ऑक्सीजन शरीर में जाने लगता है तो हमें राहत मिलती है। हालांकि यह राहत कुछ ही समय के लिए होती है।

मचा हुआ है हल्ला

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ना केवल सामान्य बातचीत के स्तर पर बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए भी इस बात को बहुत अधिक प्रचारित किया जा रहा है कि कोरोना से बचाव के लिए सभी को भाप लेनी चाहिए। इस कारण कई लोग दिन में 2 से 3 बार भाप ले रहे हैं। साथ ही सामान्य से अधिक समय तक भाप ले रहे हैं। यह कुछ स्थितियों में हानिकारक हो सकता है।

ऐसी भांप से हो सकता है नुकसान

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कोरोना वायरस अधिक तापमान में मर जाता है, इस विश्वास के कारण लोग बहुत तेज तापमान पर और बहुत देर तक भाप ले रहे हैं, जो कि शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। खासतौर पर हमारे फेफड़ों के लिए। क्योंकि हमारे लंग्स शरीर में किसी गुब्बारे की तरह रिऐक्ट करते हैं, जो सांस लेने पर फूल जाते हैं और छोड़ने पर सिकुड़ जाते हैं। ये सॉफ्ट टिश्यू से बने होते हैं।

चेहरे और गले में दिक्कत

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अधिक तापमान पर भाप लेने से हमारे चेहरे की त्वचा झुलस सकती है। साथ ही हमारे गले में अंदर की त्वचा के टिश्यूज बर्न हो सकते हैं, जिस कारण गले में सूजन की दिक्कत हो सकती है। इस कारण खाना खाने और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जिसका असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है। यानी जिस उद्देश्य के लिए हम भाप ले रहे थे, उसका उल्टा असर भी हो सकता है।

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