पिता की कोरोना से मौत होने पर बेटे ने डेडबॉडी लेने से किया इंकार, तहसीलदार ने पुत्र बन किया संस्कार

भोपाल: कोरोना महामारी के इस दौर में जहां एक इंसान दूसरे इंसान को हाथ लगाने में डर रहा है तो वहीं इस दौर में एक तहसीलदार ने वो काम किया है जिसके बारे में जो भी सुन रहा है वो उनकी तारीफ ही नहीं बल्कि उनको सैल्यूट कर रहा है। दरअसल शुजालपुर के रहने वाले प्रेम सिंह को कोरोना संक्रमण के चलते चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जहां पर 20 अप्रैल को उनका निधन हो गया था। प्रेम सिंह की मौत की खबर उनके परिजन को देने के बावजूद उनके परिजन मृतक का अंतिम संस्कार करने में आना कानी कर रहे थे और आखिर में उनके बेटे ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया। साथ ही प्रशासन को लिखकर भी दे दिया कि वो अपनी मर्ज़ी से अपने पिता का शव प्रशासन को सौंप रहे हैं, अब प्रशासन ही उनका अंतिम संस्कार करें।
प्रेम सिंह की मौत चिरायु अस्पताल में हुई थी जो कि बैरागढ सर्किल में आता है इसलिए मृतक का अंतिम संस्कार करवाने की ज़िम्मेदारी बैरागढ सर्किल के तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल को दी गई थी। तहसीलदार ने मृतक के परिजन और उनके बेटे को काफी समझाया और सारे सुरक्षा उपकरण देने की बात कही उसके बावजूद भी मृतक के परिजन नहीं माने और उसका अंतिम संस्कार नहीं किया।मृतक की पत्नी और उनका बेटा अस्पताल के बाहर खड़े रहे और मृतक की बॉडी लेने नहीं आए ।जब तहसीलदार उनके पास पहुंचे तो मृतक की पत्नी ने कहा कि आप भी मेरे बेटे के समान हो तो आप ही अंतिम संस्कार कर दो।
इसके बाद तहसीलदार बैरागढ गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संक्रमित मृतक प्रेम सिंह मेवाड़ा के पुत्र बनकर उनका अंतिम संस्कार कर मानवता का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया। मृतक का अंतिम संस्कार करने के बाद तहसीलदार ने श्मशान घाट पर ही स्नान किया। इस पूरे घटनाक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और यूजर तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही उनके काम को सैल्यूट भी कर रहे हैं। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबाशी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की।