सॉल्वर गैंग का ‘मास्टमाइंड’ निकला रेलवे का कर्मचारी, लाखों रुपये में लेता था पास कराने का ठेका
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की लोअर पीसीएस की परीक्षा के दौरान पकड़े गए सॉल्वर गैंग के मुख्य आरोपी विवेक को भी नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने गैंग का खुलासा करते हुए एक सॉल्वर के अलावा गैंग के चार सदस्यों को बुधवार को जेल भेजा था। इस गैंग से जुड़े अभी दो आरोपियों की पुलिस को तलाश है, जो पुणे के बताए गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में पुणे गई है।
मंगलवार को शहर में कई केंद्रों पर यूपीएसएसएससी की लोअर पीसीएस की परीक्षा हुई थी। एक सूचना पर सचल दल ने गांधी कॉलोनी स्थित एसडी कन्या इंटर कॉलेज में स्थित परीक्षा केंद्र पर किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर बिहार के जनपद रोहताश के बघेला पोस्ट थाना क्षेत्र के गांव छनहा निवासी मुकेश को पकड़ा था। सॉल्वर मुकेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने बिजनौर जनपद के मोहल्ला कुटिया निवासी अमित कुमार, विशेषांक व हरेंद्र सिंह और हीमपुर दीपा के गांव टूंगरी निवासी ऋषभ को गिरफ्तार सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था, जबकि मुख्य आरोपी बिजनौर जिले के नूरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लामनगर निवासी विवेक पुत्र रमेश फरार हो गया था।
गुरुवार को नई मंडी पुलिस ने मुख्य आरोपी विवेक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि विवेक ही बिजनौर निवासी अमित के साथ मिल कर सॉल्वर गैंग चलाता हैं, जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार प्रांत से सॉल्वर को बुलाकर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दिलाते हैं। इस परीक्षा में भी तीन परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए आठ-आठ लाख रुपये में ठेका लिया गया था। गैंग में शामिल पुणे के दो आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम पुणे गई है।
रेलवे में नौकरी करता है विवेक
इंस्पेक्टर नई मंडी संजीव कुमार ने बताया कि पकड़ा गया विवेक खुद रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी करता है। उसकी तैनाती वर्तमान में धामपुर के पास हबीबवाला स्टेशन पर है।