वनस्टाप सेन्टर में पीडित महिलाओं के अस्थाई रूप से निवास की शासन द्वारा व्यवस्था के निर्देश- श्रीमती सुमिता

- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ संवर्ग ) श्रीमती सुमिता ने वनस्टाप सेन्टर सखी का औचक निरीक्षण के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया कि वनस्टाप सेन्टर सखी में पीडित महिलाओं के लिये अस्थाई रूप से रूकने की कोई व्यवस्था नही है। पीड़ित महिलाओं को रूकने की व्यवस्था न होने पर नारजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वनस्टाप सेन्टर में शासन द्वारा उपलब्ध व्यवस्था के निर्देश के बावजूद व्यवस्था न करना अनुचित है।
सहारनपुर [24CN] । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीमती सुमिता ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान वनस्टाप सेन्टर की मैनेजर सरिता, कांउसलर नियतांक चैधरी, केसवर्कर व पैरामैडिकल नर्स व सुरक्षाकर्मी उपस्थित मिली। क्लर्क निशंात शर्मा रजिस्टर में उपस्थित पाये गये किन्तु वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नही मिले। सेन्टर मैनेजर सरिता ने अवगत कराया कि वे अक्टूबर माह से ही डी0पी0ओ0 कार्यालय में काम करते है यहां केवल हस्ताक्षर करने आते है। निरीक्षण के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया कि वनस्टाप सेन्टर सखी में पीडित महिलाओं के लिये अस्थाई रूप से रूकने की कोई व्यवस्था नही है। निरीक्षण के दौरान 60-70 वर्षीय घायल महिला मिली जिसको पति ने मार पीटकर घर से निकाल दिया था उसके पास आश्रय का कोई स्थान नही है। इसलिये वह वनस्टाप सेन्टर में आश्रय लेने आई थी किन्तु आश्रय घर में दवायें रखी हुई और निरीक्षण के दौरान उसमें ताला लगा पाया गया।
श्रीमती सुमिता ने प्रशानिका/सेन्टर मैनेजर से पूछा गया कि पीडिता /निराश्रित महिलाओं को आश्रय कहां देती है तो उन्होने अवगत कराया कि नवीन नगर में स्थित स्वाधार गृह में पीड़िताओं को भेज देती है। अभी कुछ दिन पहले एक पीडिता आई थी उसे नवीन नगर भेजा गया है। उन्होंन कहा कि यह प्रवृृति बेहद आपत्तिजनक है, कि पीडित महिलाओं के अस्थाई रूप से निवास की वनस्टाप सेन्टर में कोई व्यवस्था नही है। उन्होंने सम्बधिंत को निर्देश दिए कि शासन के निर्देशांे के अनुरूप तत्काल वनस्टाप सेंटर में पीडिता /निराश्रित महिलाओं को आश्रय की व्यवस्था की जाए।