Shravan Sahu Murder Case: CBI ने IPS मंजिल सैनी को पाया दोषी, अब विभाग करेगा कार्रवाई

- श्रवण साहू को जान का खतरा होने के बावजूद उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने में लखनऊ के पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. पुलिस की इस चूक के चलते ही लखनऊ के सआदतगंज क्षेत्र में एक फरवरी, 2017…
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्हें सीबीआई जांच में लापरवाही का दोषी पाया गया है. अब सीबीआई की तरफ से विभागीय कार्रवाई की फाइल भी आगे बढ़ाई जाने वाली है. आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी को सीबीआई लखनऊ की स्पेशल ब्रांच ने श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया है. अब सीबीआई ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. बता दें कि बदमाशों ने श्रवण साहू की उनकी दुकान में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मंजिल सैनी ने दिया था ये जवाब
सीबीआइ की पूछताछ के दौरान श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान किये जाने में हुई लापरवाही को लेकर तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने अधीनस्थ अधिकारियों को दोषी बताया था. उन्होंने सीबीआई अधिकारियों को बताया था कि पुलिस लाइन के तत्कालीन प्रतिसार निरीक्षक शिशुपाल सिंह को उन्होंने श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान कराने का मौखिक आदेश दिया था, लेकिन प्रतिसार निरीक्षक ने उसका पालन नहीं किया. सीबीआई ने श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या के बाद श्रवण साहू के खिलाफ फर्जी एफआइआर दर्ज किये जाने को लेकर भी उनसे सवाल-जवाब किये थे.
साल 2017 में हुई थी श्रवण साहू की हत्या
इस मामले में श्रवण साहू को जान का खतरा होने के बावजूद उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने में लखनऊ के पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. पुलिस की इस चूक के चलते ही लखनऊ के सआदतगंज क्षेत्र में एक फरवरी, 2017 को बदमाशों ने श्रवण साहू की उनकी दुकान में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई श्रवण साहू हत्याकांड की जांच कर रही है. सीबीआई ने 11 अगस्त, 2017 को लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से लंबी पूछताछ भी की थी. 2005 बैच की आइपीएस अधिकारी मंजिल सैनी पदोन्नति पाकर डीआइजी हो चुकी हैं और वह वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इन दिनों उनकी तैनाती राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में है.
बेटे की हत्या के मामले की पैरवी कर रहे थे श्रवण साहू
उल्लेखनीय है कि श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या अक्टूबर, 2013 को हुई थी. श्रवण बेटे की हत्या के मामले में पैरवी कर रहे थे और आरोपितों ने उनके विरुद्ध ही एक फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था. इसे लेकर भी लखनऊ पुलिस के तत्कालीन अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई हुई थी. श्रवण को पुलिस ने समय रहते सुरक्षा नहीं प्रदान की थी और बदमाशों ने उनकी भी हत्या कर दी थी. सीबीआई श्रवण साहू हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें श्रवण के बेटे के हत्यारोपित अकील समेत सात आरोपितों को दोषी ठहराया गया था.