तीसरे दिन भी नहीं चला शेरमउ चीनी मिल, प्रबंधन देर शाम तक मिल चलने का दे रहा है आश्वासन

तीसरे दिन भी नहीं चला शेरमउ चीनी मिल, प्रबंधन देर शाम तक मिल चलने का दे रहा है आश्वासन
बंद पडा शेरमउ चीनी मिल

गन्ना लेकर मिल मे गये किसान अपने पशुओ के साथ दो दिनो से भूखे प्यासे टकटकी लगाकर दे रहे है मिल की ओर

नकुड [इंद्रेश]। तीसरे दिन भी शेरमउ चीनी मिल की चिमनी ढंडी पडी रही। मिल के गेट बंद रहे। सैंकडो गन्ना किसान तौल बद रहने से मिल केंम्पस में बोगी के साथ मिल के चलने की आशा मे दो दिन से अपनी बोगी के पास पडे रहे।

शनिवार को दुसरे दिन भी उत्तम शुगर मिल की शेरमउ इकाई बंद रही। गौरतलब है कि विगत दस नवंबर को उदघाटन होने के चंद घंटे बाद मिल का ट्रांसफार्मर फुंकने से मिल बंद हो गयी थी। जिसके बाद मिल प्रबंधन ने गन्ना किसानो से मिल में गन्ना ने लाने का अनुरोध किया था।पंरतु सैंकडो की संख्या मे गन्ना किसान मिल गन्ने से भरी झोंटा बोगी व ट्राली लेकर मिल गेट पर पहुंच गये थे। वे तभी से मिल चलने की आशा मे भूखे प्यासे मिल के गन्ना यार्ड मंे पडे है।

बंद पडा शेरमउ चीनी मिल

बिस्सलहेडा निवासी किसान इरफान, कमली, आजम के अलावा, पवन, राजबीर, विजयसिह आदि सैंकडो किसान कई कई घंटो से अपना अपना गन्ना लेकर मिल केंपस मे खडे है। किसानो ने अपने बोगी से झोटो को छोड दिया है। उनका कहना है कि मिल प्रबंधन शाम तक मिल चलने की बात कह रहा है। मिल कंपाउंड मे न तो किसानो के लिये पानी की व्यवस्था है ओर न ही केंटीन की। मिल के सभी गेट बंद है। मिल की चिमनी ठंडी पडी है।

हांलकि मिल सूत्रो का कहना है कि फुंका हुआ ट्रांसफार्मर बदला जा रहा है। उन्होने देर शाम तक मिल चलने की संभावना जतायी है। पंरतु बताया जाता है कि ट्रासंफार्मर लगने के बाद उसे गरम होने मे ही करीब आठ घंटे का समय लग जाता है। फिलहाल मिल मेब ैठे भूखे प्यासे किसान मिल ही ओर टकटकी लगाकर देख रहे है कि कब मिल चले तथा वे अपना गन्ना डालकर वापस घर जाये।