दशहरे पर शस्त्र पूजा का आयोजन: सीएम मोहन यादव का निर्देश, मंत्री-विधायक-सांसद भी करेंगे पूजा

दशहरे पर शस्त्र पूजा का आयोजन: सीएम मोहन यादव का निर्देश, मंत्री-विधायक-सांसद भी करेंगे पूजा

मध्य प्रदेश में इस बार दशहरे के मौके पर एक विशेष आयोजन होगा, जिसमें सभी बीजेपी के मंत्री, विधायक और सांसद शस्त्र पूजा करेंगे। यह निर्देश मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिया है। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन पूरे प्रदेश में शस्त्र पूजा का आयोजन होगा, चाहे वह पुलिस लाइन हो, शस्त्रागार हो या कोई थाना, हर जगह शस्त्रों की पूजा की जाएगी।

भारत की परंपरा का हिस्सा

सीएम मोहन यादव ने एक सभा में कहा, “हजारों वर्षों से भारत की परंपरा रही है कि हाथों में शस्त्र और शास्त्र दोनों होने चाहिए।” इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने दशहरे पर धूमधाम से शस्त्र पूजा करने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि यह पूजा सुरक्षा और सामर्थ्य का प्रतीक होगी, जिससे समाज में एक सशक्त संदेश जाएगा।

स्वयं करेंगे पूजन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि वे स्वयं देवी अहिल्याबाई की ऐतिहासिक राजधानी महेश्वर में दशहरे के दिन शस्त्र पूजन करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का उद्देश्य शस्त्र पूजा के माध्यम से समाज में सुरक्षा और शक्ति का संदेश देना है।

अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के उपलक्ष्य में निर्णय

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि यह फैसला अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर लिया गया है। अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासनकाल में शस्त्र और शास्त्र दोनों को साथ लेकर अद्वितीय नेतृत्व प्रदान किया था। उन्होंने 28 वर्षों तक मध्य प्रदेश के मालवा और निमाड़ क्षेत्रों पर शासन किया और युद्ध के समय में सेना का संचालन स्वयं किया।

अहिल्याबाई होल्कर का योगदान

अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 में महिलाओं की एक सशस्त्र सेना का नेतृत्व किया था और रघुनाथराव पेशवा के आक्रमण से अपने राज्य की रक्षा की थी। उनके समय में उन्होंने बनारस, सोमनाथ, उज्जैन, रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी जैसे कई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों पर मंदिर और घाटों का निर्माण करवाया।

सीएम कहां करेंगे शस्त्र पूजन?

महेश्वर के ऐतिहासिक किले में, जहां आज भी 20 से अधिक तलवारें और अन्य शस्त्र संरक्षित हैं, वहां सीएम मोहन यादव शस्त्र पूजन करेंगे। इसमें आदिवासी धनुष-बाण, तीर-कमान, कुल्हाड़ी, भाले सहित पारंपरिक शस्त्रों की भी पूजा की जाएगी। इसके साथ ही होलकर वंश के राजा भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे और पूजन करेंगे।

दशहरे के इस आयोजन के माध्यम से सरकार ने समाज को शस्त्र और शास्त्र के संतुलन का संदेश देने का प्रयास किया है।


विडियों समाचार