नई दिल्ली। दिल्ली के 12 कॉलेजों में शिक्षकों को सैलरी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (डूटा, DUTA) के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर गभीर आरोप लगाए हैं। डूटा का कहना है कि फंड की कमी से शिक्षक सैलरी की समस्या से जूझ रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, डूटा के पूर्व अध्यक्ष राजीव रे ने बताया कि फंड की कमी के कारण पिछले चार साल से दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज सहित दिल्ली सरकार ने 12 कॉलेजों के शिक्षकों की सैलरी में कटौती की है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किया जा चुका है, लेकिन समस्या का हल नहीं निकाला जा रहा है। चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं की गई। शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारी भी इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं।
मनीष सिसोदिया से की शिकायत, नहीं बनी बात
डूटा अध्यक्ष एके भागी ने बताया कि फंड की कमी के चलते दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में पिछले 2 साल से चल रहे शिक्षकों के वेतन में कटौती की जा रही है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिले, उनके आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया, लेकिन अभी तक कोई बात नहीं बनी है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार इन कॉलेजों को अपने अधीन ले ले।
डूटा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार में 20 और कॉलेजों में कुशासन की स्थिति है। इनमें सरकारी नीतियों का राजनीतिकरण हो गया है। आप (AAP) कार्यकर्ताओं को कॉलेजों के सदस्यों के तौर पर नियुक्त किया गया है।