टेलीकॉम उपकरणों की होगी सुरक्षा जांच, 5जी की शुरुआत से पहले हर मोर्चे पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी सरकार
नई दिल्ली । देश में 5जी सेवा की शुरुआत से पहले सरकार सभी पैमानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी है। जल्द ही टेलीकॉम क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के उपकरणों की सुरक्षा जांच को अनिवार्य किया जाएगा। सभी उपकरणों की सुरक्षा जांच कम्युनिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन स्कीम (कॉमसेक) के तहत होगी। इसे लागू करने की जिम्मेदारी नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेशन सिक्योरिटी (एनसीसीएस) की होगी।
5जी की सुरक्षा के मामले में सरकार ने इस बात की जानकारी संसद की स्थायी समिति को भी दी है। टेलीकॉम मंत्रालय के मुताबिक, कॉमसेक के तहत भारत में बिकने वाले और भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के उपकरण कवर होंगे। मोबाइल फोन से जु़ड़े उपकरण भी इसमें कवर होंगे।
इस व्यवस्था के प्रभावी होने के बाद कोई भी उपकरण निर्माता, आयातक या डीलर जो भारत में अपने किसी भी टेलीकॉम उपकरण को बेचना चाहता है, उसे पहले अपने उपकरण की जांच करवा कर सर्टिफिकेट हासिल करना होगा।
टेलीकॉम इक्विपमेंट एंड सर्विस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) के चेयरमैन संदीप अग्रवाल कहते हैं, ‘टेलीकॉम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच सर्टिफिकेट के साथ ही सरकार को वर्ष 2023 से किसी भी गैर भारतीय उपकरण के इस्तेमाल पर रोक लगा देनी चाहिए।’
अग्रवाल का कहना है कि 5जी की सुरक्षा के लिए सोर्स कोड भारत में होना चाहिए, हार्डवेयर भारत में डिजाइन किया गया हो और भारत में उसका निर्माण हुआ हो। भारत में अभी चिप बनाना आसान नहीं है, इसलिए चीन की दखल से दूर रहने वाले देश में तैयार चिप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
विशेषषज्ञों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकतों के बाद चीन के उपकरण विश्वसनीय नहीं रह गए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने तो चीन की कंपनी हुआवे की 5जी सेवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, लेकिन भारत की तरफ से चीन की कंपनियों समेत किसी भी कंपनी के उपकरण या सेवा पर रोक नहीं लगाई गई है। संसद की स्थायी समिति को टेलीकॉम विभाग ने बताया कि दुनियाभर में 5जी सेवा का आकलन किया जा रहा है। 5जी सेवा के सामाजिक, आर्थिक व सुरक्षा से जु़ड़े सभी पहलुओं को परखने के बाद ही इस मामले में कोई फैसला किया जाएगा।
सक्षम हैं भारतीय मैन्यूफैक्चरर्स
विशेषषज्ञों के मुताबिक 2जी, 3जी और 4जी में विदेशी मैन्यूफैक्चरर्स ने बाजी मार ली, लेकिन 5जी के मामले में ऐसा नहीं है। 5जी के सभी कंपोनेंट्स को भारत में विकसित किया जा सकता हैं। टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर्रस एसोसिएशन (टेमा) ने भी सरकार से 5जी सेवा के लिए घरेलू उपकरणों की खरीदारी को अनिवार्य करने की गुजारिश की है।
व्यापक होगा 5जी का दायरा
विशेषज्ञों के मुताबिक 5जी सेवा सिर्फ मोबाइल यूजर्स के लिए नहीं होगी, बल्कि इसके माध्यम से बैंकिग सेवा से लेकर बड़े-बड़े बिजनेस को अंजाम दिया जाएगा। इसलिए इसकी सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 5जी की सुरक्षा और सफलता इस बात पर भी निर्भर है कि 5जी वाले स्मार्टफोन भारत में कितने सस्ते बनते हैं। सस्ते स्वदेशी टेलीकॉम उपकरणों को विकसित करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेलीकॉम रिसर्च एंड डेवलपमेंट फंड की स्थापना की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक इस फंड की स्थापना नहीं की गई है।