वुहान के लैब से कोरोना लीक होने की थियरी पर वैज्ञानिकों को नहीं भरोसा

न्यूयॉर्क
वायरस से जुड़े शोधार्थियों का कहना है कि इस बात की संभावना कम है कि नोवेल कोरोना वायरस चीन या फिर किसी और जगह के लैब से लीक हुआ है। लैब एक्सिडेंट जैसी चीजों से परिचित कई वैज्ञानिकों का यह मूल्यांकन है। दरअसल, हाल के सप्ताह में ट्रंप प्रशासन की तरफ से दुर्घटना की यह थ्योरी आई है। महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश विभाग का एक संदेश लीक हुआ था जो स्टोरी वॉशिंगटन पोस्ट ने प्रकाशित किया था।
इसमें अमेरिका की तरफ से वुहान के लैब को लेकर चिंता जताई गई थी, वह शहर जहां कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया था। खुफिया एजेंसियां दुर्घटना की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रही हैं और पिछले बुधवार को ट्रंप ने वादा भी किया था कि घटनाक्रमों की जांच की जाएगी।
कैसे लीक होता है वायरस ?
न्यूज वेबसाइट एनपीआर के मुताबिक, जंगली जानवरों से वायरस के सैंपल इकट्ठा करने वाले 10 वैज्ञानिकों से बात कर यह जानकारी आई है कि लैब में दुर्घटना किस प्रकार हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दुर्घटनावश वायरस तभी लीक हो सकता है जब कई तरह के संयोग बने हों और प्रायोगिक प्रोटोकॉल का पालन न किया गया हो। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में प्रफेसर जोन्ना माजेट और प्रिडिक्ट नाम के वैश्विक प्रॉजेक्ट के निदेशक डेविस ने कहा, ‘सभी सबूत इस बात का संकेत देते हैं कि यह लैब दुर्घटना नहीं थी।’
विशेषज्ञों का यह मानना है कि वायरस इंसानों और जानवरों के बीच ट्रांसमिट हुआ है, जैसा कि यह पहले की महामारियों-इबोला, मारबर्ग, सार्स और मर्स के मामले में हो चुका है। न्यूयॉर्क सिटी के इको हेल्थ अलायंस के प्रेजिडेंट पीटर डसजाक ने कहा, ‘दरअसल, खतरा इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि पूरी दुनिया में इंसान जानवरों के करीब रहते हैं। इसलिए हमें वहां फोकस करने की जरूरत है अगर हम अगली महामारी को रोकना चाहते हैं।’
फिर कैसे फैला कोरोना?
तो आखिर कोविड19 महामारी फैलनी कैसे शुरू हुई? शोधार्थियों का मानना है कि कोविड19 यह सीधे चमगादड़ों से इंसान में फैला या फिर किसी अन्य जानवर से। पहले यह माना जा रहा था कि वुहान के सीफूड बाजार से कोरोना फैला है जिसमें जंगली जानवर बेचे जाते हैं। हालांकि,इसको लेकर कोई सबूत अभी नहीं मिल पाए हैं।
टुलाने यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट गैरी ने कहा कि वायरस के जेनेटिक एनालिसिस से पता चलता है कि यह 2019 की सर्दियों में फैलना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि वायरस इस तरह से इंसानों में फैला जिसे पहले वैज्ञानिकों ने नहीं देखा था। उन्होंने कहा, ‘कम्प्यूटर इस्तेमाल करने वाले भी इतना अच्छा काम नहीं कर सकते जितना यह वायरस कर रहा है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हुई है।’