अनुसूचित जाति के बेरोजगारों का अपना व्यवसाय करने के लिए सस्ती दर पर ऋण मिलेंगा

सहारनपुर [24CN]। अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवकों के आर्थिक उत्थान के लिए युवाओं को स्वरोजगार का अवसर दिये जाने के लिए सस्ती दर पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इन योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बनाना है। ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय अधिकतम 46080 व शहरी क्षेत्र में अधिकतम 56460 से अधिक न हो ,उन्हे आत्मनिर्भर बनाने हेतु स्थानीय मांग के अनुसार योजनायें वित्त पोषित की जाएंगी। सभी योजनाओं में आवेदन पत्र में जाति, आय प्रमाण पत्र, आधारकार्ड, राशनकार्ड, दो फोटो आदि संलग्न करना आवश्यक है। सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत हो। किसी भी अन्य संस्था या निगम से पूर्व में किसी योजना में अनुदान अथवा ऋण प्राप्त ना किया हो।
अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के जिला प्रबन्धक श्री कमलेश कुमार ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना का संचालन किया है। इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग/व्यवसाय संचालित करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से 20 हजार रूपये से लेकर 1.5 लाख तक की योजनाएं स्वीकृत करायी जाती है। जिसमें 10 हजार रूपये अधिकतम अनुदान के रूप में दिया जाता है।

ऐसे व्यक्ति जिनके पास शहरी क्षेत्र में 13.32 वर्ग मीटर व्यवसायिक स्थल पर स्वंय की भूमि/प्लाट अभिलेखों सहित उपलब्ध हो तथा उस भूमि पर दुकान निर्मित करना चाहता हो, को दुकान निर्माण के लिए दो किस्तांे में (58500$19500) कुल 78 हजार रूपए बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। उपलब्ध कराये गये ऋण की वसूली 120 मासिक किस्तो में की जाती है। इसमें तहसीलदार द्वारा निर्गत आय जाति प्रमाण पत्र, आधारकार्ड तथा भूमि के प्रपत्र एवं तहसील द्वारा प्राप्त जमीन का नजरी नक्शा अथवा हाऊस टैक्स रसीद आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना आवश्यक है।
सरकार ने अनुसूचित जाति के हिन्दू धोबी समाज के व्यक्तियों की भाॅति अनुसूचित जाति वर्ग की सभी जातियों को जो लाॅण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना का व्यवसाय करना चाहता है, को 2.16 लाख रूपये व योजना लागत हेतु 1.00 लाख की परियोजना हेतु 10 हजार रूपये अलग-अलग परियोजनाओं हेतु अनुदान अनुमन्य है। अवशेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्त पोषित कर 60 मासिक किस्तों में वसूली अदायगी कराने का प्राविधान है। ऋण की अदायगी के क्रम में आवेदक से एक सरकारी सेवक की गारन्टी ली जाती है। टेलरिंग योजना अन्तर्गत अनुसूचित जाति के युवक एवं युवतियों के आर्थिक उत्थान के लिए विभाग द्वारा टेलरिंग शाॅप योजना संचालित की गयी है, जिसकी परियोजना लागत 20 हजार रूपये है जिसमें 10 हजार रूपये अनुदान एंव 10 हजार बिना ब्याज का ऋण वित्त पोषित होता है।

बिजनेस करेसपोन्डेन्ट योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति के युवक एवं युवतियों के आर्थिक उत्थान के लिए विभाग द्वारा ‘‘बिजनेस करेसपोन्डेन्ट (व्यवसाय संवाददाता)/बिजनेस फैसीलिटेटर‘‘ योजना संचालित है। जिसकी परियोजना लागत एक लाख रूपये है जिसमें 10 हजार रूपये अनुदान एंव 25 हजार रूपये मार्जिन मनी ऋण 4 प्रतिशत ब्याज दर पर तथा 65 हजार ब्याज मुक्त ऋण वित्त पोषित होता है। इस योजना में वाल्मीकि समाज के युवक एवं युवतियों को वरीयता दी जायेगी।

योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अपने से सम्बन्धित विकास खण्ड मे नियुक्त सहा0/ग्राम विकास अधिकारी(स0क0) अथवा खण्ड विकास अधिकारी से एवं शहरी क्षेत्र के पात्र व्यक्ति जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) पदेन जिला प्रबन्धक उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0, विकास भवन दिल्ली रोड सहारनपुर में 10 जुलाई 2021 तक कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में उपस्थिति होकर निर्धारित आवेदन पत्र तैयार कर आवश्यक प्रमाण पत्र संलग्नकर सहायक प्रबन्धक अथवा किसी कार्यालय सहायक से जानकारी प्राप्त कर उक्त योजना में आवेदन जमा कर सकेंगे।