‘दिल्ली में BJP फुलेरा की पंचायत चला रही, इन्हें काम करना नहीं आता’, CM रेखा गुप्ता के फैसले पर बरसे सौरभ भारद्वाज

दिल्ली में सरकार फुलेरा की पंचायत की तरह चल रही: भारद्वाज
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने 1 जुलाई से दिल्ली से पुरानी गाड़ियों को हटाए जाने को लेकर मंगलवार को कहा कि भाजपा दिल्ली में सरकार नहीं चला रही, बल्कि वह फुलेरा की पंचायत जैसा प्रशासन चला रही है। यदि पुराने वाहनों को सड़कों से हटाना है, तो क्या इसके लिए कोई और तरीका नहीं मिला? पेट्रोल पंप मालिकों की एसोसिएशन कह रही है कि यह नीति अव्यवहारिक है। सरकार फुलेरा की पंचायत की तरह चल रही है और इन लोगों को न तो सरकार चलानी आती है और न ही ये चला सकते हैं।सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में हो रही रोज की बारिश के बावजूद दिल्ली सरकार के कृत्रिम वर्षा (आर्टिफिशियल रेन) कराने के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि यह किस तरह के अफसर है, जिसने तय किया कि मानसून के दौरान दिल्ली में कृत्रिम वर्षा का पायलट प्रोजेक्ट किया जाएगा, जबकि दिल्ली में पहले से ही बारिश हो रही है। फुलेरा की पंचायत के लोग भी इस तरह का अव्यवहारिक फैसला नहीं लेंगे। आम आदमी पार्टी जब सरकार में आएगी, तब इन सभी मामलों की जांच कराई जाएगी।
पांच साल तक बीजेपी वाले सिर्फ केजरीवाल को गाली देंगे: भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगले पांच साल तक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सिर्फ आप को गाली देती रहेंगी। पांच साल बाद वह यही कहेंगी कि पिछली सरकार में अरविंद केजरीवाल ने ऐसा किया, इसलिए कुछ नहीं हो पाया। जब आप ने शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा और सरकार बनाई, तब कभी यह बहाना नहीं बनाया कि शीला दीक्षित ने ऐसा किया, इसलिए काम नहीं हो रहा। “आप” ने हमेशा कहा कि हमें जिस स्थिति में जनादेश मिला, उसका सम्मान करते हुए हम जनता के लिए काम करेंगे। दिल्ली की मौजूदा बीजेपी सरकार को काम करने की इच्छा नहीं है, वह सिर्फ बहानेबाजी करती है। अगर इनकी सरकार पांच साल चली, तो यह सिर्फ बहाने बनाएंगे।
सौरभ भारद्वाज ने आईएएस एसोसिएशन पर भी उठाए सवाल
सौरभ भारद्वाज ने इस मामले को लेकर आईएएस एसोसिएशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या आईएएस एसोसिएशन यह मानता है कि वह भी एक राजनीतिक बॉडी है। उन्होंने मनोज तिवारी द्वारा एक आईपीएस अधिकारी का गिरेबान पकड़ने की घटना का जिक्र किया और कहा कि जब मनोज तिवारी ने एक आईपीएस का गिरेबान पकड़ लिया, उस समय आईपीएस एसोसिएशन चुप रही, कोई हड़ताल नहीं हुई, कोई आवाज नहीं उठी। क्या भाजपा ही आईएएस, आईपीएस और अन्य अधीनस्थ सेवा संगठनों को चलाती है? क्या ये सभी संगठन भाजपा के इशारों पर काम करते हैं?
