अंबाला-देहरादून हाईवे पर सहारनपुर बाईपास बना मौत का हाईवे

अंबाला-देहरादून हाईवे पर सहारनपुर बाईपास बना मौत का हाईवे
दरकता हाईवे के बीचो बीच बने क्रेक

नकुड [इंद्रेश त्यागी]। अंबाला देहरादून हाईवे का सहारनपुर मे बना बाईपास मौत का हाईवे बन गया है। एनएचएआई के अधिकारियो की लापरवाही, हाईवे के निर्माण में लगी अधोमानक निर्माण सामग्री तथा घटिया तकनीकी डिजायन के चलते हाईवे टूट गया है। पुलो की अप्रोच रोड धंस गयी है। हाईवे के बीचो-बीच दरार व गडढे बन गये है। जिससे होने वाले हादसो मे बाईक व वाहन सवार अपनी जान गंवा रहे है।

सरसावा से मुजफ्फरनगर रोड तक करीब 30 किमी लंबा बाईपास पूरी तरह से दरक गया है। निर्माण मे अधोमानक निर्माण सामग्री का प्रयोग होने के कारण बाईपास की सीसी रोड जगह-जगह से टूट रही है। सीसी टूटने से सडक के बीच मे गडढे बन गये हैं जो हादसो को बुलावा दे रहे है। कोई दिन ऐसा नहीं होता जब इस बाईपास पर कोई हादसा न होता हो। पूल व अंडरपास की अप्रोच रोड धंसने से पूलो के दोनो ओर की अप्रोच रोड बैठ कर गहरी हो गयी है। इससे तेज गति से आने वाले वाहन अक्सर हादसो का शिकार होते है। हाईवे पर चलते हुए वाहनो मे कई कई फुट के जंप लगते है जिससे अक्सर वाहन सवार चोटिल हो जाते है।

सीसी ब्लाक के बीच बने क्रेक
सीसी ब्लाक के बीच बने क्रेक

हर एक किमी पर एनएचएआई के ठेकेदार सडक पर बेरियर लगाकर सडक की मरम्मत करते हुए देखे जा सकते है। मजदूर एक लेन को बंद करके सडक पर काम करते हैं। जिससे दोनो ओर से आने वाले वाहनो को एक ही लेन मे चलने को मजबूर होना पडता है। एक माह पूर्व दिल्ली रोड पर रेलवे पूल पर कार मे ट्रक की टक्कर से कार मे आग लग गयी थी, जिससे कार सवार चार व्यक्तियो की जिंदा जलकर मौत हो गयी थी।

यह बाईपास कितना खतरनाक बन गया है इसका उदाहरण गुरूवार को एसबीआई के बैंक कर्मी महेश चंद की दुर्घटना मे हुई मौत से पता चलता है। महेशचंद सरसावा से अपने गांव छपरेडी आ रहे थे। छपरेडी के पास उनकी बाईक का पहिया सडक के बीचो बीच सीसी ब्लोकस के बीच बनी दरार मे फंस गया। जिससे वे सडक पर जा गिरे। पीछे से आ रहे ट्रैक्टर ट्रॉली ने उन्हे कुचल दिया। मौके पर महेशचंद की मौत हो गयी। बाईपास पर सडक सीसी दरकने से सीसी ब्लोक्स के बीच दरारे इतनी मोटी है कि बाईक का तो पहिया ही उनमे गिर जाता है।

बारिश मे टूटा हाईवे
बारिश मे टूटा हाईवे

दिल्ली रोड के पास बने ओवर ब्रीज के पास तो हाईवे कटने से सीसी ब्लोक तक टूट गये है। दिल्ली रोड पर पिछले छः माह से भी अधिक समय से करीब दो किमी तक हाईवे की उत्तर की लेन बंद करके दोनो ओर के वाहन दक्षिण की लेन से निकाले जा रहे है। एक ही लेन को दो बराबर हिस्सो मे बांटे जाने से यह संकरी हो गयी है। जिससे दुर्घटनाओ का कारण बनती है। कई लोग यंहा अपनी जान गंवा चुके है। अभी तक भी दिल्ली रोड पुल पर दोनो ओर धँसी सडक की मरम्मत का काम पूरा नंही हो पाया है।

नकुड रोड पर ओवर ब्रिज के दोनो ओर मिटटी के दबाव के चलते मिटटी रोकने के लिये लगाये गये सीसी ब्लाक बाहर को निकल रहे है। यहां अप्रोच रोड ढह जाये तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। हांलाकि एनएचएआई के अधिकारी ब्लोक्स मे छेद करके उनमे लोहे की रोड फंसाकर उन्हे राकेने का प्रयास कर रहे है। रूडकी रेलवे ट्रैक के पास तो पुल की अप्रोच रोड के बराबर का हिस्सा पहले ही ढह चुका था। यंहा छः माह से दोनो लेन के वाहनो को पूरब की सिंगल लेन से गुजारा जा रहा हैं। जिसे दुबारा बनाया गया है। परंतु लेन अभी तक भी शुरू नहीं हो पायी। हर दो किमी पर बाई पास की मरम्मत कर हाई वे चलाने का प्रयास किया जा रहा है। पंरतु हाईवे है कि दरकता ही जा रहा है। सैंकडो करोड की किमत से बना यह हाई वे मौत का हाई वे बन गया है।

नकुड रोड पर ओवर ब्रिज की अप्रोच रोड की मिटटी के दबाव को रोकने के लिये सीसी ब्लाकस के बीच रोड लगाते मजदूर
नकुड रोड पर ओवर ब्रिज की अप्रोच रोड की मिटटी के दबाव को रोकने के लिये सीसी ब्लाकस के बीच रोड लगाते मजदूर

हाईवे पर कोई सुविधा नहीं, एनएचएआई मनमाने टोल टेक्स की वसूली से भर रहा है जेब
एक ओर इस हाईवे पर होने वाले हादसो मे लोग अपनी जान गवां रहे हैं। वहीं एनएचएआई हाईवे पर सरसावा व चमारीखेडा के पास टोल बूथ लगाकर मनमाना टोल टेक्स वसूलकर अपनी जेब भरने का काम कर रहा है। शाहजंहापुर से चलने वाले वाहन को सरसावा मे जंहा 140 रूपये का टोल चुकाना पडता है वहीं देहरादून रोड पर बनाये गये टोल पर उसे 80 रूपये टोल टेक्स के भरने पडते है। जबकि इस हाईवे पर नियमानुसार एनएचएआई ने काई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी है। न तो दुर्घटना के समय चोटिल को तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के लिये एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है ओर न ही सरसावा से मुजफफरनगर रोड तक कोई फोन बूथ ही उपलब्ध है। हाईवे पर लगी अधिकांश लाईटे रात में बंद रहती है। तो जगह जगह बने गडढे वाहनो के लिये काल बन रहे है। ऐसे मे केंद्र सरकार के तमाम प्रयास एनएचएआई के अधिकारियो की लालफिताशाही की भेंट चढ रहे है।