न्यूयार्क: रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से निलंबित करने के लिए अमेरिकी प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को मतदान हो सकता है। अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में यह प्रस्ताव पेश किया है। रूस ने इस प्रस्ताव पर नाराजगी जाहिर की है और अमेरिका व उसके समर्थक देशों को दुष्परिणामों की चेतावनी दी है।
अमेरिका को रोमानिया और ईयू का समर्थन प्राप्त
संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात सत्र में सभी 193 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान करेंगे। वैश्विक संगठन की मानवाधिकार परिषद में 47 देश सदस्य होते हैं। उनका चुनाव आमसभा के सदस्य देश गुप्त मतदान से करते हैं। परिषद से किसी सदस्य देश को निलंबित करने के लिए उसके खिलाफ पेश प्रस्ताव के समर्थन में दो तिहाई देशों का मतदान करना जरूरी होता है। रूस के खिलाफ आए इस प्रस्ताव को अमेरिका को रोमानिया और यूरोपीय देशों का समर्थन प्राप्त है।
विश्व समुदाय को रूस की खुली चेतावनी
रूस ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के इस कदम पर नाराजगी जाहिर की है और दुष्परिणामों की चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि इस प्रस्ताव का समर्थन करने वालों और मतदान से अनुपस्थित रहने वालों को गैर मित्र देश माना जाएगा और भविष्य में इसी मान्यता के अनुसार रूस कदम उठाएगा।
रूस पर मंच का गलत इस्तेमाल करने का आरोप
गौरतलब है कि, मंगलवार को रूस को यूएनएचआरसी से हटाने की मांग करते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस ग्रीनफील्ड ने कहा था कि रूस के पास निकाय में अधिकार की स्थिति नहीं होनी चाहिए जिसका उद्देश्य मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देना है। न केवल यह पाखंड की ऊंचाई है, बल्कि यह भी है खतरनाक। रूस परिषद में अपनी सदस्यता का उपयोग प्रचार के लिए एक मंच के रूप में कर रहा है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि उसे मानवाधिकारों के लिए एक वैध चिंता है। परिषद में रूस की भागीदारी इसकी विश्वसनीयता को चोट पहुंचाती है, पूरे संयुक्त राष्ट्र को कमजोर करती है और सिर्फ गलत खेल रही है।
रूस समेत चीन और पाकिस्तान को भी बाहर करने की मांग
वहीं, संयुक्त राष्ट्र वाच के कार्यकारी निदेशक हिलेल नेउर ने बुधवार को जिनेवा शिखर सम्मेलन 2022 में रूस समेत चीन और पाकिस्तान को भी यूएनएचआरसी से बाहर निकालने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के लिए रूस को, मानवाधिकारों के हनन के लिए चीन को और आतंकवाद को सहारा देने के लिए पाकिस्तान को यूएनएचआरसी निष्कासित किया जाना चाहिए।