मांगों को लेकर उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ ने दिया धरना, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर में मांगों को लेकर धरना देते उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी।
सहारनपुर [24CN]। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हकीकत नगर स्थित धरना स्थल पर धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल को सम्बोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की। धरने को सम्बोधित करते हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक मलिक ने कहा कि संघ ने अपनी विभिन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारियों को ज्ञापन दिये लेकिन आज तक उनकी संघ की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि पीडित स्कूल संचालकों को मुआवजा राहत पैकेज व आरटीई के अंतर्गत नि:शुल्क बच्चों की वांछित शुल्क प्रतिपूर्ति की मांग की गयी लेकिन एक भी समस्या का निदान नहीं किया गया। प्रदेश सरकार निजी स्कूलों की ओर मुंह फेरे हुए हैं इसलिए हमारी समस्याएं बढ़ती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक साजिश के तहत निजी स्कूलों को बंद कर अपने स्कूल चलाना चाहती है, एक तरफ तो सरकार अपनी मौहल्ला क्लास चला रही है, दूसरी ओर हमारे खिलाफ स्कूल बन्द करने फरमान जारी कर रखा है जो कि घोर अन्याय है।
श्री मलिक ने कहा कि कोरोना काल के कारण सभी शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण शिक्षा विभाग के द्वारा छात्रों को प्रमोट करने का निर्णय लिया गया था और शिक्षण संस्थाओं से जो अंक मांगे गये थे, उसी के सापेक्ष में शिक्षण संस्थाओं ने छात्र-छात्राओं के अंक शिक्षा विभाग को दिये थे लेकिन शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ ने उसका उल्टा करते हुए पढऩे वाले छात्रों को कम अंक दिये गये और न पढने वाले छात्रों को अधिक अंक दिये और अधिक अधिकतर बच्चों का रिजल्ट रोकते हुए बिना किसी आधार के विधैल्ड कर दिया जिसे विभाग की घोर लापरवाही के कारण छात्र-छात्राएं डिप्रेशन में हैं और आत्महत्या करने को विवश हो रहे हैं। वत्सराज स्वाधीन,संजय शर्मा व के. पी. सिंह ने कहा कि आर.टी.ई. के अंतर्गत 25 प्रतिशत नि:शुल्क गरीब बच्चों को वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक आधा अधूरा फीस प्रतिपूर्ति दी गयी थी। अमजद अली एडवोकेट व मुक्तदीर हसन ने कहा कि त्रिभाषा अध्यापक आज भूखमरी के कगार पर है। इस प्रकार त्रिभाषा अनुदान तत्काल बहाल किया जाये, उत्तर प्रदेश में करीब 800 संस्कृत विद्यालय बंद होने की कगार पर हैं, मदरसा आधुनिकीकरण की तर्ज पर निजी संस्थाओं के द्वारा संचालित कराकर अनुदानित व मानदेय दिया जाये, मान्यता अस्थायी तीन वर्ष के लिए दी जाती है, यह खत्म होनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार अब भी नहीं चेती तो संघ वृहद रूप से आंदोलन करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी अन्यथा शीघ्र ही सरकार उनकी मांगों का निराकरण कराये। धरने को डा. जावेद, डा. अयाज, कु. पिंकी, संजय शर्मा, वत्सराज,तौकीर अहमद, राकेश सैनी, गयूर आलम, नौशाद अली, आदि ने भी सम्बोधित किया। धरने पर नरेन्द्र त्यागी, शमशाद अली, कुलदीप, पी.एम.बरूआ, गगनदीप, देवरानी शर्मा, विनोद, प्रदीप, के.पी. सिंह, अमजद, असगर, मुजाहिद, रेखा चौधरी, विक्रम, भोपाल प्रधान, मनीष, सत्यपाल पुण्डीर, मंजू, प्रतिभा, वर्षा, रूबी, ओमवती, मुक्तदीर, अमरीश शर्मा आदि भारी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।