रियर एडमिरल गोल्डरिक की चेतावनी -हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन का बढ़ता दखल आस्ट्रेलिया के लिए खतरनाक (Video)
मेलबर्नः दुनिया के कई देशों के लिए हिंद प्रशांत क्षेत्र रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और तनाव का केंद्र बन चुका है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन का बढ़ता सैन्य और आर्थिक प्रभाव क्षेत्र के विभिन्न देशों के लिए चिंता का विषय है। हिंद प्रशांत में चीन की दखलअंदाजी को लेकर ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिकार जेम्स गोल्डरिक का कहना है कि ड्रेगन से मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को रणनीतिक तैयारी बढ़ाने की जरूरत है । समकालीन नौसैनिक और समुद्री मामलों के विश्लेषक और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी गोल्डरिक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चीनी आक्रमण को रोकने के लिए आस्ट्रेलिया को आने वाले दशक में रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अपने देश की रक्षा योजना के विस्तार पर ध्यान देने की जरूरत है।
रियर एडमिरल (retd) गोल्डरिक ने स्ट्रेट न्यूज के ग्लोबल एडिटर-इन-चीफ नितिन ए गोखले से बातचीत दौरान बताया कि ऑस्ट्रेलिया बेशक चीन को दुश्मन नहीं मानता है लेकिन उसके आक्रामक व्यवहार को आनुपातिक तरीके से जवाब देने की आवश्यकता है ”। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में चीन का व्यवहार आस्ट्रलियाई हितों के खिलाफ रहा है। एडम गोल्डरिक ने दक्षिण चीन सागर में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई समुद्री उपस्थिति का पक्ष लेते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर एक बंद समुद्र नहीं बन सकता है और चीन के इस प्रयास के खिलाफ क्वाड द्वारा कड़ी कारवाई की जरूरत है ’।
बता दें कि चीन ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है लेकिन ड्रेगन अगर किसी से परेशान होता है तो वह है क्वाड (QUAD) यानी क्वड्रीलेटरल सिक्टोरिटी डायलॉग। इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं। इसका मकसद है कि एशिया-प्रशांत में शांति स्थापित हो और किसी तरह का युद्ध न हो।इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन भी कह चुके हैं कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक तेवरों को देखते हुए किसी भी प्रकार के “आक्रमण” को रोकने या जवाबी कार्रवाई करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती हुई चुनौतियों का अर्थ है कि हमें नया तरीका अपनाना होगा जिनसे उन गतिविधियों को रोका जा सके जो हमारे हितों के विपरीत हों।” मॉरिसन ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और तनाव का केंद्र बन चुका है।हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन का बढ़ता सैन्य और आर्थिक प्रभाव क्षेत्र के विभिन्न देशों के लिए चिंता का विषय है।
दक्षिण और पूर्व चीन सागर में भी चीन क्षेत्रीय विवाद में उलझा हुआ है। बीजिंग ने इन क्षेत्रों में अपने नियंत्रण वाले कई द्वीपों पर सैन्य अड्डे बनाए हैं। दोनों ही क्षेत्रों में खनिज, तेल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के भंडार हैं जो वैश्विक व्यापार के लिए अहम हैं। मॉरिसन ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने के साथ ही हमें कोविड के बाद की दुनिया के लिए भी तैयार रहना चाहिए जिसमें और अधिक गरीबी, खतरा और अनिश्चितता व्याप्त रहने की संभावना है।