बेबस मजदूरों के बीच पहुंचे राकेश टिकैत, श्रमिकों को खिलाया खाना, डीएम ने ली घर पहुंचाने की जिम्मेदारी

प्रदेश सरकार की ओर से मजदूरों के पैदल चलने पर रोक लगाने का खामियाजा कई मजदूर परिवारों को भुगतना पड़ा। मजदूरों को बिजनौर, मुजफ्फरनगर की सीमा पर रोक दिया गया। दोनों जिलों में से कोई भी अधिकारी मजदूरों की सुध लेने को तैयार नहीं हुआ।

वहीं मामले का पता लगने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह मजदूरों के बीच पहुंचे। मजदूरों को खाना खिलाया। इनमें से कुछ मजदूरों को तो केवल संभल ही जाना था। राकेश टिकैत के हस्तक्षेप के बाद दोनों जिलों के डीएम ने एरिया के हिसाब से मजदूरों को अपने पास रख लिया। अब मजदूरों को उनके घर रवाना करने की जिम्मेदारी दोनों जिलों के डीएम ने ली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जिलों की सीमाओं को सील करने व मजदूरों के पैदल चलने पर रोक लगा दी गई। इन मजदूरों को बसों व अन्य साधनों से इनके गंतव्यों को भिजवाने के आदेश दिए गए थे। भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह के अनुसार अपने घर जाने के लिए हरियाणा और पंजाब से रविवार को बैराज पर पहुंचे मजदूरों को बिजनौर पुलिस ने रोक दिया और जिले की सीमा में नहीं घुसने दिया। मजदूरों ने मुजफ्फरनगर वापस जाने की कोशिश की तो मुजफ्फरनगर पुलिस ने उन्हें नहीं लौटने दिया। 100 से ज्यादा ऐसे मजदूर मुजफ्फरनगर की ओर नहर के पास रविवार से शरण लिए हुए थे। इसके बारे में भाकियू के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को बताया। राकेश टिकैत सोमवार दोपहर करीब 12 बजे मजदूरों के बीच पहुंच गए।

 

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