नई दिल्ली: रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक उपलब्धि के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को तीसरी सूची जारी करेंगे जिसमें वे प्रमुख उपकरण व प्रणालियों के नाम शामिल होंगे जिनका दिसंबर 2025 तक पूरी तरह से स्वदेशीकरण कर लिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, तीसरी सूची में लगभग 100 उपकरण और प्रणालियां होंगी जिन्हें जल्द से जल्द पूरी तरह स्वदेशी तरीके से बनाया जाएगा।

उल्लेखनीय है पहली सूची 101 वस्तुओं की और दूसरी सूची 108 वस्तुओं की है जो क्रमश: 21 अगस्त, 2020 और 31 मई, 2021 को जारी की गई थीं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तीसरी सूची में शामिल वस्तुओं के हिस्से के रूप में अगले पांच वर्षों में उद्योग को 2,10,000 करोड़ रुपये से अधिक के आर्डर दिए जाने की संभावना है।

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की आवश्यकता

यूक्रेन में जारी संकट के स्पष्ट संदर्भ में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भारतीय वायु सेना (आइएएफ) के शीर्ष कमांडरों से कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति ने फिर से ‘सैन्य हार्डवेयर’ के स्वदेशीकरण की आवश्यकता को स्पष्ट किया है। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में, सिंह ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और भारतीय सशस्त्र बलों के उभरती परिस्थितियों का जवाब देने में सक्षम होने पर संतोष व्यक्त किया।

आपरेशन गंगा में वायुसेना की भूमिका की प्रशंसा

वायु सेना अधिकारियों के मुताबिक रक्षा मंत्री ने आपरेशन गंगा में भारतीय वायुसेना की भूमिका की भी प्रशंसा की, जिसके तहत संकट में फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकाला गया। आइएएफ के कमांडर भारत की सुरक्षा चुनौतियों और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बल की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। अपने संबोधन में, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कमांडरों को सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा। भारतीय वायुसेना के एक बयान के अनुसार, उन्होंने संपत्तियों के संरक्षण, संसाधनों का बेहतर उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए संयुक्त कौशल की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बयान के अनुसार रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि सम्मेलन में उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों पर व्यापक रूप से चर्चा की जा रही है।