नई दिल्ली। यंग इंडिया में आई एसोसिऐटेड जर्नल में लगभग 5000 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त हो सकती है। ईडी के अनुसार राहुल गांधी पिछले तीन दिनों की पूछताछ में इस मामले में सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके हैं। शुक्रवार को राहुल गांधी से फिर पूछताछ होनी है। इसके पहले मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल के जवाब से भी ईडी संतुष्ट नहीं है। इन दोनों से अप्रैल महीने में पूछताछ हुई थी
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एसोसिऐटेड जर्नल का पूरा प्रकरण मनी लांड्रिंग का एक फिट मामला है और आरोपियों की ओर से संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने की स्थिति में अवैध तरीके से हथियाई गई पूरी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। उनके अनुसार मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने के पहले इस मामले में कई कानूनविदों से राय ली गई और पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही ईडी ने कार्रवाई का फैसला किया था।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बिना किसी एफआइआर के मनी लांड्रिंग का मामला बनने के कांग्रेस के तर्क को खारिज करते हुए कहा कि अदालत इस मामले में आइपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत काफी पहले संज्ञान ले चुका है और उसके बाद ही राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जमानत लेनी पड़ी थी। आइपीसी की ये दोनों धाराएं मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत सूचीबद्ध अपराध है, जो ईडी को इस मामले में कार्रवाई का वैध अधिकार देता है।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एसोसिऐटेड जर्नल को कांग्रेस की ओर से 90 करोड़ का लोन दिये जाने, इस 90 करोड़ के लोन को पांच लाख रुपये से बनी नई कंपनी यंग इंडिया को बेचे जाने, इसके बाद एसोसिऐटेड जर्नल की पूरी संपत्ति को यंग इंडिया के हवाले करने और फिर एसोसिऐटेड जर्नल को दिये गए 90 करोड़ के लोन को पूरी तरह से माफ करने जैसे फैसलों से जुड़े सवालों के बारे में राहुल गांधी ने पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की। उनका कहना था कि इन फैसलों के बारे में मोतीलाल बोरा को जानकारी है।
ध्यान देने की बात है कि मोतीलाल वोरा इस पूरे प्रकरण के दौरान कांग्रेस के कोषाध्यक्ष होने के साथ-साथ एसोसिऐटेड जर्नल के भी चेयरमैन थे, लेकिन 2020 में उनकी मौत हो चुकी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल ने भी इसे जुड़े फैसलों के बारे में जानकारी होने से इनकार किया था और मोतीलाल वोरा को ही पूरी जानकारी होने की बात कही थी।
यंग इंडिया में 76 फीसद हिस्सा सोनिया और राहुल गांधी के पास है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस प्रकरण में अब सिर्फ सोनिया गांधी से पूछताछ होनी है। उन्हें 23 जून को बुलाया गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण और गंगाराम अस्पताल में भर्ती होने के कारण इसे बढ़ाया भी जा सकता है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सोनिया गांधी से पूछताछ के बाद मामले का विश्लेषण किया जाएगा और उसके बाद ही एसोसिऐटेड जर्नल से जुड़ी सारी संपत्ति को जब्त किये जाने का फैसला हो सकता है।