पुतिन ने लिया ऐसा फैसला कि अमेरिका से यूक्रेन तक की अटक गई सांसें, तुरंत 1 लाख 60 हजार युवाओं को सेना में शामिल होने को कहा

एक तरफ अमेरिका से लेकर भारत तक इस कोशिश में लगा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध रुक जाए तो वहीं दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेना को लेकर ऐसी फैसला लिया है जिसने फिर दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले 14 साल में सबसे ज्यादा सैन्य भर्ती करने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध और नाटो के विस्तार को देखते हुए पुतिन ने यह फैसला लिया है
पुतिन ने 18 से 30 साल के 1 लाख 60 हजार युवाओं को सेना में शामिल करने का फैसला लिया है. यह भर्ती अगले तीन साल में होगी और यह 2011 के बाद से सबसे बड़ी भर्ती है. माना जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध और नाटो विस्तार को देखते हुए पुतिन ने यह फैसला लिया है, हालांकि रूस का कहना है कि नए सैनिकों को यूक्रेन में नहीं भेजा जाएगा.
‘सेना में कुल 23.9 लाख जवान होने चाहिए’
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस की सेना में कुल 23.9 लाख जवान होने चाहिए, जिसमें 15 लाख सक्रिय सैनिक शामिल हों. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले तीन साल में 1.8 लाख और सैनिकों की भर्ती की जाएगी. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिश कर रहा है और डोनाल्ड ट्रंप इस मामले में पुतिन से चर्चा कर चुके हैं.
जारी हुए कॉल-अप नोटिस
रूस में हर साल वसंत और शरद ऋतु में नए सैनिकों की भर्ती की जाती है. इस बार 1.6 लाख युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए बुलाया गया है, जो 2024 की तुलना में 10,000 ज्यादा है. पिछले साल भर्ती की उम्र सीमा 27 से बढ़ाकर 30 कर दी गई थी. युवाओं को डाक से नोटिस भेजे जा रहे हैं और 1 अप्रैल को mos.ru वेबसाइट पर कॉल-अप नोटिस भी जारी किए गए हैं.
रूस में कई युवा सेना में भर्ती से बचने के लिए दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं. मानवाधिकार वकील टिमोफे वास्किन के मुताबिक, युद्ध शुरू होने के बाद हर भर्ती एक लॉटरी जैसी हो गई है. अधिकारी नए सैनिकों को भर्ती करने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. रूस हर साल दो बार सैनिकों की भर्ती करता है और इसके अलावा कई लोगों को कॉन्ट्रैक्ट पर भी सेना में शामिल किया गया है.
रूस बढ़ा रहा है सेना का आकार
फरवरी 2022 में व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया था. तब से अब तक उन्होंने तीन बार सेना का आकार बढ़ाया है. दिसंबर 2023 में रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन युद्ध और NATO के विस्तार के कारण सुरक्षा खतरे बढ़ गए हैं, इसलिए सेना का विस्तार किया गया. रूस के हमले के बाद फिनलैंड और स्वीडन भी NATO में शामिल हो गए, जिससे रूस की सुरक्षा चिंताएं और बढ़ गई हैं.