पुतिन दिसंबर में आ रहे भारत, इसी महीने मिलेगा S-400 डिफेंस सिस्टम
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत दौरे पर आने की संभावना बन रही है.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में दो दशकों बाद आए तालिबान (Taliban) शासन ने दुनिया के शीर्ष देशों को खेमेबंदी पर मजबूर कर दिया है. यह अलग बात है कि भारत तालिबान के प्रति अलग नजरिया रखने वाले रूस और अमेरिका नीत दोनों ही खेमों में है. हाल ही में भारत ने तालिबान पर दस देशों के साथ अहम बैठक की थी. अब रूस के साथ तालिबान और चीन (China) के खिलाफ भारत की खेमेबंदी को एक और पुख्ता आधार अगले महीने मिलने जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत दौरे पर आने की संभावना बन रही है. इस दौरे के दौरान भारत-रूस के बीच कई अहम समझौतों पर बात होगी. गौर करने वाली बात यह है कि अमेरिकी प्रशासन के लिए फांस बनी रूस निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (S-400) की पहली खेप भी अगले महीने ही भारत पहुंचने वाली है.
2008 में भारत आए थे पुतिन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत-रूस के बीच सालाना शिखर सम्मेलन की संभावित तारीख 6 दिसंबर है. कोरोना महामारी के बीच रूसी राष्ट्रपति की साल 2021 में यह दूसरी विदेश यात्रा है. भारत और रूस के बीच हर साल होने वाले इस शिखर सम्मेलन में पुतिन आखिरी बार 2008 में आए थे. उस दौरान ही एस-400 डील पर दोनों देश सहमत हुए थे. अगले ही साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था. प्रधानमंत्री मोदी के रूसी दौरे के समय भारत ने उस वक्त पूर्वी रूस के विकास में भारतीय बिजनेस भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक बिलियन डॉलर के सॉफ्ट क्रेडिट लाइन की घोषणा की थी.
एस-400 के अलावा और सैन्य उपकरणों पर होगी चर्चा
सामरिक जानकारों के मुताबिक दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के समय भी एस-400 पर और विस्तार से बातचीत होने की उम्मीद है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान रूस ने भारत की काफी मदद की थी. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है. ऐसे में दोनों देशों के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन में कोरोना पर भी बातचीत की संभावना है. इसके साथ अफगानिस्तान के मामले पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान के मसले पर दोनों देशों के एनएसए ने बातचीत की थी. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से रूसी एनएसए निकोलाई पी. पत्रुशेव दो बार भारत का दौरा कर चुके हैं. रूस पिछले काफी समय से भारत में अपने रक्षा उपकरण तैयार कर रहा है. इसके साथ ही फ्रिगेट, असॉल्ट राइफल एके-203 का निर्माण भी भारत में किए जाने की तैयारी है.