समाज के कमजोर व जरूरतमंदों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है भारतीय संविधान: सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

समाज के कमजोर व जरूरतमंदों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है भारतीय संविधान: सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
  • सहारनपुर में विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव सुमिता सिंह।

सहारनपुर [24CN]। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/ न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता ने कहा कि भारतीय संविधान समाज के कमजोर व जरूरतमंदों को नि:शुल्क सहायता प्रदान करता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव/न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता आज यहां जागरूकता शिविर को समबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहारनपुर न्याय प्राप्ति में सफलता के लिए सभी को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराता है। कोई भी आमजन जो धारा 12 के तहत लाभार्थी है, वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आवेदनध्दूरभाष से सूचित करके नि:शुल्क अधिवक्ता की सहायता प्राप्त कर सकता है।

सचिवध्न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता ने कहा कि मुकदमों की बढती संख्या को कम करने के मकसद से मध्यस्थता की प्रकिया अपनायी जाती है जिसके पक्षकार अपने वैवाहिक, पारिवारिक मुकदमों को सुलह के आधार पर निपटारा करवा सकते है। महिला अपने कार्य स्थल पर सुरक्षित रहे इसके मकसद से 2013 मेें एक कानून लाया गया जिसमें महिलायें अपने लैंगिक अपराधों से संबधित शिकायत आंतरिक शिकायत समिति में दर्ज करा सकती है। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम महिलाओं को हर प्रकार की हिंसा से संरक्षित करता है। अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट 1989 समाज को यह संदेश देता है कि असमानता, भेदभाव को छोडना होगा सभी कानून की दृष्टि में समान है। हम सब पहले इसंान है इसंानियत ही हमारा धर्म है। सभी से अपेक्षा है कि जागरूक रहिये, इंसायिनत की ओर निरन्तर कदम बढाइये तभी एक संतुलित समाज की परिकल्पना साकार होगी।