मदरसों के सर्वे का विरोध…………

  • पठानपुरा रेती चैक पर आयोजित मदरसों के जिम्मेदारों की बैठक का आयोजन
  • बोले उलमा: मदरसों में दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता

देवबंद [24CN] : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे कराए जाने के निर्णय को लेकर जमीयत उलेमा की देवबंद इकाई द्वारा मोहल्ला पठानपुरा रेती चैक स्थित मुगलों वाली मस्जिद में मदरसों के जिम्मेदारों की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया।  बैठके में क्षेत्र के करीब 78 मदरसों के संचालक शामिल हुए।
इस दौरान कहा गया कि मदरसों ने हमेशा देश हित में काम किया है और जब भी देश को जरूरत हुई है तो मदरसे के लोग सबसे पहले आगे आए हैं लेकिन इस समय मदरसों को धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है जो असंवैधानिक है, जिस का हम विरोध करते हैं।

इस अवसर पर दारुल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मुफ्ती राशिद आजमी ने कहा कि मदरसों का निजाम देश की खुशहाली के लिए है और इसको हम कभी टूटने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि मदरसों की असल स्थापना देश की आजादी के लिए हुई थी, देश की आजादी में उलेमा और मदरसे वालों ने मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि देश के लिए मदरसों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि आज एक बार फिर मदरसो को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन हम इन्हें बचाने के लिए आखिर तक संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों से डरने की कतई जरूरत नहीं है, क्योंकि मदरसे संवैधानिक दायरे में चल रहे हैं, हमें संविधान के अनुसार मिले अधिकारों के तहत अपनी लड़ाई लड़नी है।

दारुल उलूम जकरिया देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती शरीफ खान कासमी ने इस्लामी शिक्षा और मदरसों के महत्व पर प्रकाश डालते हुऐ कहा कि मदरसों ने हमेशा अमन, शांति, भाईचारे और एकता का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मदरसों के संबंध में सरकारों को एक पक्षीय फैसले करने से पहले इनके इतिहास को जानना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना अमजद मदनी ने कहा कि मदरसे ब्रिटिश काल के समय से देश के लिए कुर्बानियां दे रहे हैं इसलिए सरकारों को समझना चाहिए कि मदरसे संवैधानिक दायरे में काम कर रहे हैं और इनको टारगेट नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मदरसे ना तो असंवैधानिक काम करते हैं और ना ही ऐसा करने वालों का समर्थन करते हैं, लेकिन जिस तरह एक पक्षी तौर पर मदरसों को टारगेट किया जा रहा है वह कबूल नहीं किया जा सकता।

बैठक में जामिया तुश शेख हुसैन अहमद मदनी के मोहतमिम मौलाना मुजम्मिल अली कासमी,जमीयत उलमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मौलाना जहूर अहमद कासमी, मौलाना असद हक्कानी सहारनपुर, मौलाना अहमद साद, मौलाना हबीब अहसनी और कार्यक्रम के आयोजक मौलाना मुफ्ती खादिम हुसैन ने भी मदरसों की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए सरकार द्वारा की जा रही दखल अंदाजी का विरोध किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना अमजद मदनी ने और संचालन मुफ्ती खादिम हुसैन कासमी ने किया। इस दौरान जमीअत उलमा हिंद के नगर अध्यक्ष हाजी यासीन, मौलाना मसूद अहमद कासमी, मौलाना मसरूर कासमी, मुहम्मद आरिफ, मौलाना मुहम्मद इमरान कासमी, मौलाना मुहम्मद गुल नवाज कासमी, मुफ्ती मुहम्मद जफरुल्लाह कासमी, मौलाना मुहम्मद मुजफ्फर कासमी, मौलाना कारी गुलफाम, हाफिज  गुलफाम, मौलानाना राशिद कासमी, कारी मुहम्मद बाबर, कारी महद मुबीन, सदरुद्दीन अंसारी आदि सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम संयोजक मुफ्ती खादिम हुसैन ने सभी मेहमानों का आभार जताया।