ईयरफोन व हेडफोन के इस्तेमाल से होने वाली हानि से बचाव के बारे में प्रमुख सचिव चिकित्सा ने सुझाव किए जारी

ईयरफोन व हेडफोन के इस्तेमाल से होने वाली हानि से बचाव के बारे में प्रमुख सचिव चिकित्सा ने सुझाव किए जारी
सहारनपुर में जानकारी देते जिलाधिकारी मनीष बंसल।

बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग और तेज आवाज में हेड फोन इस्तेमाल करने से रोकें

सहारनपुर। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि ईयर फोन व हेड फोन के इस्तेमाल से होने वाली दिक्कतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र में उन्होंने ईयर फोन/ईयर प्लग के लम्बे समय तक उपयोग के कारण सुनने की श्रवण ह्रास और टिनिटस को रोकने में सहायता किये जाने के अनेक सुझाव दिये गये है। प्रमुख सचिव ने पत्र के माध्यम से कहा कि बेवजह ब्लूटूथ, ईयरफोन और हेड फोन का उपयोग करने वालों को जागरूक करने की जरूरत है। घंटों ईयरफोन लगाए रखने से अस्थाई रूप से सुनने की क्षमता भी खत्म हो रही है। पहले सुनना  धीरे-धीरे कम होता है फिर यह क्रम बढ़ता जाता है।

पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र में कहा कि आवश्यकता पडऩे पर 50 डेसिबल वॉल्यूम पर, ईयर फोन और हेड फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने रोजाना दो घंटे से अधिक ईयर फोन के इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। बच्चों के लिए स्क्रीन का समय कम करें क्योंकि इससे मस्तिष्क के संज्ञानात्मक विकास में देरी हो सकती है जिससे सामाजिक संपर्क संचार और विभिन्न प्रकार की व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग और तेज आवाज में हेड फोन इस्तेमाल करने से रोकने की बात कही है।

सोशल मीडिया का उपयोग कम करें परिवार और सामाजिक मेलजोल पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक साथ समय बताने का समय बढ़ाएं। सुनिश्चित किया जाए कि आयोजन स्थलों पर अधिकतम औसत ध्वनि स्तर 100 डेसीबल से अधिक न हो। उन्होंने कहा कि एक बार जब श्रवण क्षमता स्थायी रूप से खराब हो जाती है तो सामान्य श्रवण क्षमता कभी भी श्रवण यंत्र या कॉकेलर इम्प्लान्ट से कभी भी बहाल नहीं की जा सकती। इसलिए इनका उपयोग आवश्यकतानुसार और सीमित मात्रा में ही करें।


विडियों समाचार

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