पुजारी ने किया मंदिर पर कब्जा, श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना से रोका

नकुड़: नकुड़ नगर में एक अजीब मामला सामने आया है। नगर में स्थित एक प्राचीन मंदिर पर पुजारी ने कब्जा जमा लिया है। पुजारी ने श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा अर्चना से रोक दिया है।
नगर के मोहल्ला चौधरियान में स्वामी जी मंदिर के नाम से एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर में भगवान भोले नाथ शिवलिंग रूप में विराजमान है। मंदिर की देख रेख के लिए एक पुजारी का परिवार रहता है। पुजारी के मन में ही खोट आ गया और मंदिर को अपनी निजी संपत्ति बताने लगा। मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए पुजारी व इसके परिवार ने बंद कर दिया। आस-पड़ोस ने लोगों ने इसका विरोध किया तो पुजारी व पुजारी की पत्नी ने अपने ऊपर हमला होने का फर्जी मामला बनाते हुए थाने में तहरीर दे दी। हालांकि पुलिस ने मामले की जब जांच की तो सच्चाई सामने आ गई।
रविवार शाम को पुलिस टीम मंदिर प्रांगण में गई और पुजारी व उसकी पत्नी को समझाया कि मंदिर को पूजा अर्चना के लिए सभी श्रद्धालुओं के लिए खोला जाये। पुलिस टीम के सामने तो पुजारी व उसकी पत्नी ने हामी भर ली मगर पुलिस के जाते ही फिर से जोर-जोर से चिल्लाने लगे। आवाज सुन कर जैसे ही आस-पड़ोस वाले देखने आए तो फिर से अपने ऊपर हमला होने की बात करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुजारी की पत्नी चिल्ला रही थी कि मंदिर हमारा है, किसी को घुसने नहीं देंगे। पुजारी व पुजारी की पत्नी ने लगभग आधे घंटे तक जमकर ड्रामा किया।
मंदिर की भूमि पर है विवाद
मंदिर से लगती हुई भूमि खेवट नंबर 208 खसरा नंबर 1209 है। यही भूमि विवाद का असली कारण है। खेवट नंबर 208 में रामचन्द्र पुत्र परसराम का नाम पुराने दस्तावेजों में दर्ज है। बताया जाता है कि यह भूमि रामचन्द्र पुत्र परसराम ने मंदिर को दान दी थी लेकिन दस्तावेजों में दान दर्ज नहीं हो पाया। अब रामचन्द्र के वंशज भव्य गर्ग ने इस संपत्ति पर अपना दावा किया हुआ है और मामला कोर्ट में लंबित है। पुजारी व इसका परिवार भव्य गर्ग से मिलकर यह सारा खेल कर रहे है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि संपत्ति पर विवाद हो सकता है लेकिन मंदिर में पूजा अर्चना पर रोक लगा देना उचित नहीं है। मंदिर सभी के लिए खोला जाना चाहिए। प्रशासन पुजारी व पुजारी के पत्नी के विरुद्ध कार्यवाही करे व मंदिर सभी के लिए खुले यह सुनिश्चित करे।