नई दिल्ली। प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। छात्रों के आंदोलन को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों के नेता सत्ताधारी दल पर हमलवार हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे हैं। अखिलेश के वार पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है। केशव मौर्य ने कहना है कि अखिलेश यादव आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले।”
‘सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं’
उन्होंने आगे लिखा, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख श्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं। “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं”- आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं। इस रुख के साथ सपा का “समाप्तवादी पार्टी” बनना तय है।”
केशव मौर्य ने लिखा, ”योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए संवाद के माध्यम से हर संभव प्रयास कर रही है। हम युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति दृढ़ हैं, और सक्षम अधिकारी छात्रों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान सुनिश्चित करेंगे। युवा प्रदेश का भविष्य हैं, और भाजपा उनकी हर आकांक्षा के साथ मजबूती से खड़ी है।”
प्रदर्शन का चौथा दिन
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग और नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे प्रतियोगी छात्रों पुलिस ने बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया।
सादी वर्दी में आए पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आशुतोष पांडे सहित कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। अचानक पुलिसकर्मियों के छात्र आंदोलन के बीच पहुंचने से अफरा तफरी मच गई। पुलिस के मंसूबो को समझने के बाद प्रतियोगी छात्र भी डट गए।पुलिसकर्मी प्रतियोगी छात्रों को उठा कर ले जाने लगे। इसको लेकर प्रतिरोध शुरू हो गया। किस स्थान में कई छात्राओं को भी चोट लगी है। आयोग के चारों तरफ बैरिकेडिंग पर पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ा दी है। अखिलेश यादव की सभा होने के कारण प्रशासन भारी दबाव में है।
माना जा रहा है कि प्रतियोगी छात्रों को हटाने के लिए पुलिस एक बार और कोशिश कर सकता है। हिंदू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। वही आंदोलन पर पुलिस के बल प्रयोग से छात्रों में आक्रोश फैल गया है। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से विवाद के हालात बनते जा रहे हैं।