नई दिल्‍ली। झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर 30 केबिन वाले रोप-वे की 18 ट्रालियों में फंसे  लोगों को सकुशल निकाला गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। प्रधान मंत्रीकार्यालय (पीएमओ) ने जानकारी दी है कि बुधवार शाम आठ बजे पीएम नरेंद्र मोदी देवघर (झारखंड) में भारतीय वायुसेना, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों के साथ बातचीत करेंगे, जो बचाव कार्यों में शामिल थे।

केंद्र ने राज्यों से सभी रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करने को कहा

उधर, केंद्र सरकार ने देवघर रोपवे हादसे को देखते हुए मंगलवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करें। इसके साथ ही उसने ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू करने को भी कहा है। गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में यह भी कहा कि प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट के लिए एक रखरखाव नियमावली व कार्यक्रम होना चाहिए ताकि सुरक्षा व्यवस्था मानक प्रथाओं के अनुरूप हो। पत्र में उन्होंने कहा कि रोपवे का संचालन करने वाली संस्था को रखरखाव कार्यक्रम के तहत की गईं सभी गतिविधियों का रिकार्ड रखना चाहिए।

भल्ला ने यह भी कहा है कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को प्रत्येक रोपवे प्रोजेक्ट की सुरक्षा आडिट करने के लिए एक अनुभवी और योग्य कंपनी या संगठन को नियुक्त करना चाहिए। रोपवे का संचालन करने वाली इकाई को आडिट में सामने आए सभी मुद्दों से निपटना चाहिए।

गौरतलब है कि झारखंड के देवघर जिले में रविवार दोपहर एक रोपवे के खराब होने के बाद केबल कारों से बचाए जाने के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। वायु सेना के हेलीकाप्टरों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सेना, आइटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की मदद से बाकी सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हादसे के बाद 18 ट्रालियों में 60 लोग फंस गए थे। भल्ला ने अपने पत्र में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए समय-समय पर माक ड्रिल करते रहने की सलाह भी दी है। उन्होंने रोपवे के संचालन में मानकों के पालन पर नजर रखने के लिए एक सक्षम अधिकारी को भी नियुक्त करने की सलाह दी है।