नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए टोक्यो ओलिंपिक गए भारतीय दल का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय ​खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलते देख मैं ही नहीं पूरा देश रोमांचित हो उठा। पीएम मोदी ने कहा कि ये खिलाड़ी जीवन की अनेक चुनौतियों को पार करके यहां पहुंचे हैं। आज उनके पास आपके प्यार और सहयोग की ताकत है।

Mann Ki Baat Live Updates

– 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के साथ एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हथकरघा कमाई का बहुत बड़ा साधन है। इस क्षेत्र से लाखों महिलाएं, बुनकर और शिल्पी जुड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

– कल कारगिल ​विजय दिवस है। कारगिल का युद्ध भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। इस बार ये गौरवशाली दिवस भी अमृत महोत्सव के बीच मनाया जाएगा। इसलिए ये और भी खास हो जाता है: पीएम मोदी

– इस 15 अगस्त को देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं: पीएम मोदी

कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क समेत मोबाइल एप पर भी किया जाएगा। पीएम मोदी का रेडियो कार्यक्रम ऐसे समय में पड़ रहा है जब एक तरफ देश कोरोना महामरी से लड़ रहा है और दूसरी तरफ देश के कई राज्य बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं।

पिछले ‘मन की बात’ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी एथलीटों का समर्थन करने का आग्रह किया था। पीएम ने कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले हर एथलीट को संघर्ष करना पड़ा है, उन्होंने लंबे समय तक कड़ी मेहनत की है। वे सिर्फ अपने लिए खेलों में नहीं जा रहे हैं, बल्कि देश को गौरवान्वित करने के लिए टोक्यो जा रहे हैं। मैं अपने देश के नागरिकों से हमारे एथलीटों को प्रेरित करने का आग्रह करता हूं।’

टोक्यो ओलंपिक 2020 का आयोजन पिछले साल होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। खेल 23 जुलाई से शुरू हुए हैं और 8 अगस्त तक जारी रहेंगे। मन की बात राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संबोधन है, जो हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होता है।