राज्य सूचना आयोग की सूचना उपलब्ध न कराने वालों के विरूद्ध अर्थदण्ड लगेंगा

सहारनपुर [24CN] । उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार के प्रमुख सचिव श्री जितेन्द्र कुमार ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा-20 के अन्तर्गत यदि कोई जन सूचना अधिकारी किसी आवेदक द्वारा सूचना प्राप्त किये जाने हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र पर निर्धारित समय के भीतर सूचना उपलब्ध नही कराता है अथवा जानबूझकर अथवा भ्रामक सूचना उपलब्ध कराता है तो राज्य सूचना आयोग द्वारा संबंधित जन सूचना अधिकारी पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया जायेगा।

श्री जितेन्द्र कुमार ने इस आश्य के निर्देश जारी किये है। जारी निर्देश के अनुसार आयोग द्वारा पारित आदेश के अनुपालनार्थ संबंधित राज्य लोक सूचना अधिकारी से शास्ति की धनराशि की वसूली सुनिश्चित करने हेतु सरकार द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएंे की जाएंगी। उन्होने कहा कि यदि आयोग ने किसी जनसूचना अधिकारी पर शास्ति अधिरोपित की है तो जब तक अनुपालन आख्या प्राप्त न हो जाए तब तक रजिस्ट्रार ऐसे प्रत्येक मामले के अनुश्रवण हेतु उत्तरदायी रहेगा।

उन्होने कहा कि प्रत्येक विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव का यह दायित्व होगा कि वह अपने विभाग के किसी जनसूचना अधिकारी पर आयोग द्वारा अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने की दशा में संबंधित जन सूचना अधिकारी के वेतन से अर्थदण्ड की धनराशि वसूली कराएं। इसी प्रकार प्रत्येक विभागाध्यक्ष, मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी का यह दायित्व होगा कि उनके विभाग, मण्डल और जनपद में नियुक्त किसी जनसूचना अधिकारी पर यदि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा अधिनियम के अन्तर्गत अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाता है तो वह अर्थदण्ड की वसूली संबंधित जन सूचना अधिकारी के वेतन से कराएं। अर्थदण्ड वसूली के उपरान्त संबंधित नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा इस संबंध में अनुपालन आख्या आयोग के रजिस्ट्रार को अविलम्ब प्रेषित की जाएंगी।

प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा अधिरोपित अर्थदण्ड से संबंधित विभागवार सूचना आयोग की वेबसाइट पर प्रत्येक माह के अन्त में अपलोड की जाएगी। आयोग की वेबसाइट से आयोग द्वारा अधिरोपित अर्थदण्ड की सूचना सीधे प्राप्त कर उससे संबंधित अनुश्रवण का कार्य अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव द्वारा शासन स्तर पर तथा विभागाध्यक्ष द्वारा विभागाध्यक्ष स्तर पर प्रत्येक माह सुनिश्चित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के स्तर पर अर्थदण्ड की वसूली के अनुश्रवण से संबंधित कार्य सचिव, उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा स्वयं अपने स्तर पर नियत समय से सुनिश्चित किया जाएगा।ऐसे मामले जिनमें वसूली नहीं हो पाई है, इन वसूली के मामलों के संबंध में सचिव, उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा संबंधित नियंत्रक अधिकारी को अवगत कराया जाएगा। अर्थदण्ड की वसूली का उत्तरदायित्व संबंधित नियंत्रक अधिकारी का ही होगा।

उन्होने कहा कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अन्त में सचिव उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा प्रशासनिक सुधार विभाग उत्तर प्रदेश शासन को ऐसे प्रकरणों की सूची उपलब्ध कराई जाएगी जिन प्रकरणों पर सतत अनुश्रवण किए जाने के पश्चात भी अनुपालन आख्या नहीं प्राप्त हुई है। प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा उन प्रकरणों से संबंधित विभागों को शास्ति की वसूली हेतु निर्देश प्रेषित किए जाएंगे।