अमेरिका ने पाक को फिर दिया झटका, ट्रंप प्रशासन के बाद बाइडन प्रशासन में भी पाकिस्तान को नहीं मिलेगी आर्थिक मदद
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान के लिए सभी सुरक्षा सहायता निलंबित कर दी थी। इस दौरान उन्होंने तर्क दिया था कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के सहयोग और भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं।
वाशिंगटन । अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर झटका दिया है। ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता के लिए आर्थिक रूप से मदद नहीं देने के फैसले को बाइडन प्रशासन ने जारी रखने का निर्णय लिया है। सोमवार को रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और पाक जनरल प्रमुख कमर जावेद बाजवा के बीच हुई बातचीत के बाद पेंटागन ने यह जानकारी दी है।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पाकिस्तान के लिए अमेरिकी सुरक्षा सहायता बाइडन प्रशासन में भी निलंबित रहेगी। मैं इस बारे में अटकलें नहीं लगाऊंगा कि क्या यह आगे चलकर बदलेगा या नहीं।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये बातें कही हैं, उनसे पूछा गया था कि क्या बाइडन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों की समीक्षा की है और क्या आर्थिक सहायता के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत के दौरान चर्चा हुई है।
बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में, पाकिस्तान के लिए सभी सुरक्षा सहायता निलंबित कर दी थी। इस दौरान उन्होंने तर्क दिया था कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के सहयोग और भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं
किर्बी ने कहा, इससे पहले ऑस्टिन ने साझा क्षेत्रीय हितों और उद्देश्यों पर चर्चा करने के लिए जनरल बाजवा के साथ बात की। उन्होंने कहा, ‘बातचीत के दौरान, सचिव ने अफगानिस्तान शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान के समर्थन की प्रशंसा की और अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों पर निर्माण जारी रखने की इच्छा व्यक्त की।’
ऑस्टिन ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैंने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के लिए प्रशंसा की और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने की अपनी इच्छा दोहराई है।’ एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जेनेवा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष मोईद युसूफ से मुलाकात की। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली हॉर्न ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने आपसी हित के कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। वे बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं।’