शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में आदर्श शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में आदर्श शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में दिनांक 5-09-2022 दिन सोमवार को शिक्षक दिवस को आदर्श शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। शोभित विश्वविद्यालय गंगोह द्वारा प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं हमारी संरक्षिका परम आदरणीय श्रीमती आदर्श विजेंद्र जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष इस दिन को मनाने का विशेष उद्देश्य होता है। आदर्श शिक्षक दिवस अनेक मायनों में हमें उस अर्थ से परिपूर्ण करता है, जिसके अंतर्गत हम सभी दिन प्रतिदिन किसी ने किसी के आदर्श से प्रेरित होकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय की सभागार में आदर्श शिक्षक दिवस पर अनेक विद्यार्थियों ने “स्नेहमयी माँ और शिक्षक” थीम पर अनेक शानदार प्रस्तुतियाँ दी, जिसमे योग क्रिया, कवितायें, नुक्कड़ नाटक, एवं अनेक गीत छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गए। जिसमे जहान्वी, पारुल, अभय, मनीष, विक्रम, अंशिका फरमान, पार्थिक आदि छात्रों ने हिस्सा लिया

कार्यक्रम का शुभारम्भ शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी, कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयर टेकर सूफी ज़हीर अख्तर एवं डायरेक्टर देवेंद्र नारायण ने मां सरस्वती एवं बाबू विजेंद्र जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात छात्रों ने कुलगीत गाया।

इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आरम्भ शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी का स्वागत कर की। तत्पश्चात उन्होंने समस्त शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनायें दी, अपने उध्बोधन में उन्होंने माँ आदर्श को याद करते हुए कहा कि जीवन में सभी को एक सच्चे गुरु की आवश्यकता होती है जिसकी शुरुआत परिवार से एक माँ के रूप में आरम्भ होती है जो समय के अनुसार अनेक गुरुओं में परिवर्तित हो जाती है।

इस अवसर पर संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर जी ने आदर्श शिक्षक दिवस के महत्व को बताते हुए अपने विचार व्यक्त किए जिसमें उन्होंने कहा कि बालक जब जन्म लेता है तो उसकी प्रथम शिक्षिका उसकी मां होती है, जो उसको समय के साथ साथ अनेक क्रियाओं में उसका मार्गदर्शन करती है तत्पश्चात बालक बड़ा होकर अपने जीवन के लक्ष्य को किसी ने किसी शिक्षक के संरक्षक में निर्धारित करता है।

इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम में शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने सर्वप्रथम माँ आदर्श को नमन किया और सभागार में उपस्थित सभी शिक्षक, गैर-शैक्षणिक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को आदर्श शिक्षक दिवस की अनेक शुभकामनाएँ एवं बधाई दी। कुलाधिपति ने अपने उध्बोधन में कहा कि शिक्षक दिवस का महत्त्व हमारे लिए केवल इस दिन ही नहीं अपितु प्रत्येक दिन होना चाहिए क्योकि हम सब प्रत्येक दिन अपने शिक्षकों से कुछ नया सीखते है जो हमारे ज्ञान और अनुभव में प्रोन्नति करता है। हम सबके जीवन में पंचतत्व बड़ा महत्वपूर्ण योगदान देते हैं जो हर रूप में हमें एक नई दिशा और अनुभव देते हैं। सीखना जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। हर बड़ी सफलता में छोटे-छोटे पल समाहित होते हैं इसलिए हमें हर छोटी से छोटी चीज से कुछ न कुछ सीखना चाहिए।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट किया और उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों सभी शिक्षकों एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम को सफल बनाने पर शुभकामनायें एवं धन्यवाद दिया। कार्यक्रम संयोजक असिस्टेंट प्रोफेसर शोएब हुसैन ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।

इस अवसर पर कार्यक्रम में डॉ. एस.के. पाठक, डॉ. शैलेंद्र भारद्वाज, डॉ. मदन कौशिक, डॉ. आरिफ नसीर, डॉ. कपिल मोहन, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. गुंजन अग्रवाल, डॉ. जसवीर सिंह राणा, डॉ. शिवानी, वित्त-लेखा अधिकारी जसवीर सिंह, नितिन कुमार पुष्पेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।


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