अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना, कुछ शर्तों में हवा में फैल सकता है कोरोना वायरस
- WHO ने माना, घातक कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है लेकिन कुछ शर्तों में ही ऐसा संभव
- इंडोर में कोरोना संक्रमित लोगों के बीच संपर्क और वायरस वाली जगहों पर जाने से भी हो सकता है कोरोना
- पहले इस वैश्विक एजेंसी ने कहा था कि जब मरीजों को पहली बार श्वास मशीन पर रखा जाता है, तभी संभव
- दुनियाभर में कोरोना मरीजों की संख्या 1.2 करोड़ के भी पार, 5.5 लाख से ज्यादा की मौत
लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस संभावना को स्वीकार किया है कि घातक कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है। इसे लेकर 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने अपनी बात रखी थी और कहा था कि कोरोना हवा में फैल सकता है जिसके बाद WHO ने भी इस संभावना को स्वीकार किया। हालांकि इस वैश्विक संगठन ने कहा कि ऐसा कुछ शर्तों में ही हो सकता है।
इस हफ्ते एक जर्नल में प्रकाशित एक ओपन लेटर में ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के दो वैज्ञानिकों ने लिखा कि कुछ रिसर्च से पता चला है कि सांस छोड़ने, बात करने और खांसी के दौरान हवा में वायरस फैलते हैं। डब्ल्यूएचओ लंबे समय से इस संभावना को खारिज कर रहा था कि कोरोना वायरस कुछ चिकित्सा प्रक्रियाओं को छोड़कर हवा में फैलता है।
WHO ने पहले कहा था कि जब मरीजों को पहली बार श्वास मशीन पर रखा जाता है, तब यह वायरस फैलने का खतरा होता है लेकिन अब उसने माना कि कोरोना वायरस हवा में भी फैल सकता है। स्वास्थ्य संगठन ने साथ ही कहा कि ऐसा किसी कोरोना संक्रमित मरीज के साथ इंडोर यानी बंद दरवाजों और घर में रहने से हो सकता है।
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