तेवर ठंडा करने के लिए रामनगरी भेजा गया था कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना, अयोध्या कारागार में काटे थे दस माह

तेवर ठंडा करने के लिए रामनगरी भेजा गया था कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना, अयोध्या कारागार में काटे थे दस माह

अयोध्या। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का छोटा शकील कहे जाने वाले कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना का रामनगरी से भी नाता रहा था। वह यहां किसी आपराधिक मामले में लिप्त नहीं था, बल्कि उसका होश ठिकाने लगाने के लिए शासन ने उसे गौतमबुद्धनगर की जेल से अयोध्या कारागार ट्रांसफर किया था।

दुजाना का आपराधिक नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए यह कार्रवाई हुई थी। उसे यहां हाईसिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। गुरुवार को मेरठ में एसटीएफ से मुठभेड़ में उसकी मौत की सूचना यहां भी चर्चा का विषय रही। गत 31 अगस्त वर्ष 2022 को प्रशासनिक आधार पर अनिल दुजाना का गौतमबुद्धनगर से अयोध्या जेल ट्रांसफर हुआ था।

पश्चिम यूपी का कुख्यात होने की वजह से गौतमबुद्धनगर में उसकी आपराधिक गतिविधियां जारी होने का अंदेशा था, इसलिए प्रकरण को संवेदनशील मानते हुए उसे अयोध्या जेल भेज दिया गया। अयोध्या जेल में दुजाना की उपस्थिति छुटभैया अपराधियों में कौतूहल का विषय बनी रही, लेकिन हाई सिक्योरिटी बैरक में होने की वजह से उस तक कोई पहुंच नहीं सका। जेल के अनुशासन ने उसके नेटवर्क को बाधित किया।

गौतमबुद्धनगर व मुजफ्फरनगर जिले के मुकदमे में रिहाई का आदेश मिलने के बाद उसे आर्म्स एक्ट के मामले में दिल्ली के कड़कड़डूमा न्यायालय में पेश होना था। यह पेशी पांच अप्रैल को थी, जिसके लिए चार अप्रैल को कड़ी सुरक्षा में उसे रवाना किया गया। पेशी के बाद उसे मंडौली जेल में दाखिल किया गया था।

जानकारी के अनुसार दस अप्रैल को वह जमानत पर बाहर आया था और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले एसटीएफ ने उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया। अनिल दुजाना से पहले उसके धुर विरोधी सुंदर भाटी गैंग से जुड़े सिंहराज भाटी का भी तेवर ठंडा करने के लिए प्रशासनिक आधार पर बुलंदशहर से अयोध्या जेल भेजा गया था। वर्ष 2017 से 2021 तक वह यहां निरुद्ध रहा है। इसके बाद उसका ट्रांसफर गोरखपुर जेल कर दिया गया था।


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