बता दें कि दिल्ली सरकार ने निजी/प्राइवेट अस्पतालों में 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित करने के अपने फैसले पर रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 22 सितंबर को दिल्ली सरकार के 13 सितंबर के फैसले पर रोक लगा दी थी। इस दौरान दिल्हा था कि 33 बड़े निजी अस्पतालों को 80 फीसद आइसीयू बेड कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित करने के लिए कहना दरअसल, अन्य मरीजों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।