बातचीत बेनतीजा? चीन ने LAC पर तैनात किए 20 हजार जवान, 10 हजार को बैकअप में पीछे रोका
- भारत से बातचीत के बीच चीनी सेना ने बढ़ाई तैनाती
- चीनी सेना ने LAC पर ईस्टर्न लद्दाख में 20 हजार जवान तैनात किए
- तीन ने करीब 10 हजार जवान एक हजार किलोमीट पीछे बैकअप को रोके
- इससे पहले पाकिस्तान ने भी एलओसी के नजदीक 20 हजार जवान तैनात किए
नई दिल्ली
लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने एकबार फिर भरोसा तोड़ने का काम किया है। एक तरफ वह भारत से बातचीत कर रहा है, तो दूसरी तरफ उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 20 हजार जवानों की तैनाती कर दी है। इतना ही नहीं, शिनजियांग में भी उसने 10 से 12 हजार जवान रोके हुए हैं, जो जरूरत पर जल्द सीमा पर पहुंच सकते हैं। इससे पहले पाकिस्तान की भी ऐसी नापाक हरकत की खबर आई थी। उसने भी 20 हजार जवानों को गिलगित-बाल्टिस्तान में एलओसी के नजदीक तैनात किया है।
सरकार की तरफ से एक सूत्र ने बताया कि चीनी सेना ने जवानों को दो डिविजन जिसमें करीब 20 हजार जवान हैं उन्हें एलएसी के ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर में तैनात किया है। वहीं एक डिविजन को पीछे शिनजियांग में रखा गया है। यह इलाका करीब 1 हजार किलोमीटर दूर है। लेकिन चीन की तरफ जमीन समतल है इसलिए ये जवान बस 48 घंटे में सीमा तक पहुंच सकते हैं। बताया गया कि भारत चीनी हरकतों पर पैनी नजर रखे हुए है। भारत भी इलाके में एक और डिविजन की तैनाती पर विचार कर रहा है। पता चला है कि चीन आमतौर पर तिब्बत क्षेत्र में सिर्फ दो डिविजन तैनात रखता है। लेकिन अब वह दो डिविजन अतिरिक्त लाया है।
अक्टूबर तक खिंचता दिख रहा विवाद
दोनों तरफ से मुद्दे को जल्द सुलझाने के लिए मीटिंग्स का दौर भले चल रहा है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा। एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसा सितंबर-अक्टूबर तक जारी रह सकता है, उसके बाद जब झील जम जाएगी यानी ठंड होगी तब सेना की वहां तैनाती में कमी आ सकती है। भारत और चीन के बीच पिछले 6 हफ्तों से बातचीत का दौर जारी है लेकिन चीनी जवान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
LAC गतिरोध: भारत, चीन ने मैराथन कोर कमांडर वार्ता कीसरकारी सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि भारतीय और चीनी सेनाओं ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में विभिन्न गतिरोध बिंदुओं से सैनिकों के विघटन के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ 10 घंटे की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता की। सूत्रों ने आगे कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र में चीन की ‘नई दावा लाइनों’ पर अपनी चिंता व्यक्त की और यथास्थिति की बहाली की मांग की, साथ ही साथ गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और कई अन्य क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की।
गलवान में पेट्रोल पॉइंट 14 के अलावा पैंगोंग झील और फिंगर एरिया में भी चीन ने जवानों की संख्या बढ़ाई है। फिंगर 8 इलाके में उन्होंने अपना प्रशासनिक बेस तैयार किया है जहां भारी वाहन और बड़ी नावें भी हैं। सूत्रों ने बताया कि जो रोड फिंगर 8 से बनाया गया है, उसकी मदद से चीन फिंगर 4 तक भारत के मुकाबले आसानी से पहुंच सकता है।
फिंगर एरिया में चीन ने जवानों की संख्या 18 और 19 मई को बढ़ाई थी। तब करीब 2500 चीनी जवान वहां पहुंचे जबकि भारत के कुल 200 जवान वहां झील किनारे तैनात थे। वहां भारतीय जवानों को पेट्रोलिंग करने से भी चीनी जवान रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान भी लाया 20 हजार जवान
लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच मौका देखते हुए पाकिस्तान ने गिलगित-बाल्टिस्तान में एलओसी के नजदीक सेना की दो डिविजनों को तैनात किया है। पाकिस्तानी सेना के एलओसी के नजदीक लगभग 20 हजार सैनिकों की तैनाती को भारत के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान ऐसी हरकतें चीन के इशारों पर कर रहा है।