नालंदा मॉब लिंचिंग मामला: जमीयत उलमा-ए-हिंद देगा अथहर हुसैन के परिवार को कानूनी सहायता

नालंदा मॉब लिंचिंग मामला: जमीयत उलमा-ए-हिंद देगा अथहर हुसैन के परिवार को कानूनी सहायता
मौलाना अरशद मदनी

देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद बिहार के नालंदा में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए अथहर हुसैन के परिवार को कानूनी सहायता प्रदान करेगा। जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मामले में मृतक अथहर हुसैन की पत्नी के निवदेन पर जमीयत एक हस्तक्षेपकर्ता के रुप में कोर्ट में याचिका दायर करेगी।

मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि मॉब लिंचिंग का शिकार अथहर हुसैन के मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद की कानूनी सहायता टीम अनुभवी आपराधिक वकीलों का एक विशेष पैनल गठित करने जा रही है, ताकि पीड़ित परिवार को न केवल न्याय दिलाया जा सके, बल्कि हत्यारों को उनके किए की सजा दिलाई जा सके। घटना पर विरोध जताते हुए मौलाना मदनी ने सवाल किया कि बिहार के नालंदा में एक गरीब फेरीवाले अथहर हुसैन को नाम और धर्म पूछकर मार डाला गया तो अब देश का पक्षपाती मीडिया चुप क्यों है? क्या इसलिए कि मरने वाला मुसलमान है यह दोहरा चरित्र क्यों?। उन्होंने कहा कि ज़ुल्म, ज़ुल्म ही होता है वह हिंदू या मुसलमान नहीं होता। अगर हम इंसान होने का दावा करते हैं, तो हमें हर तरह के ज़ुल्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायतों के बावजूद इस तरह की घटनाओं का होना इस बात का प्रमाण है कि ऐसे कृत्य करने वालों को राजनीतिक संरक्षण और समर्थन प्राप्त है, इसी कारण उनके हौसले बुलंद हैं। अफसोस जताया कि अथहर हुसैन के हत्यारों के खिलाफ पुलिस ने शुरु में हल्की धाराओं में मामला पंजीकृत किया। जबकि उसने अस्पताल में अपना बयान दर्ज करा दिया था। जमीयत पदाधिकारियों के दबाव के बाद इसमें हत्या की धारा जोड़ी गई, जिससे सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया। यह साफ हो गया कि जिनकी नजर में सत्ता ही सब कुछ है, उनकी नजर में अब मानव जीवन की कोई कीमत नहीं रह गई है।

मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकारों का रवैया गैर जिम्मेदाराना

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में 200 से अधिक मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बावजूद इस मामले में राज्य सरकारों का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना रहा है। कहा कि मॉब लिंचिंग सांप्रदायिक ताकतों की उस नफरत भरी राजनीति का नतीजा है, जो देश में खुलेआम की जा रही है।