नकुड़: भाजपा मण्डल समिति विवाद की आंच जनप्रतिनिधियों तक पहुंची

नकुड़/सहारनपुर : नकुड़ के नगर व देहात मंडलों में भाजपा समितियों की घोषणा से उत्पन्न विवाद की आंच अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक पहुँच गई है, और जमकर पक्ष-विपक्ष की वीडियों सोशल मीडिया पर वाईरल की जा रही है।
दरअसल, पिछले सप्ताह ही भाजपा ने नकुड़ नगर व देहात मंडलों की कार्यकारिणी की घोषणा की थी। कार्यकारिणी की लिस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के पश्चात एक समाज को उपेक्षित करने व एक समाज को अधिक महत्व देने के आरोप भाजपा समर्थकों ने ही लगाए थे। हालांकि विवाद बढ़ते देख नगर मण्डल में उपेक्षित समाज से दो लोगों की घोषणा आनन-फानन में कर दी गई थी। मगर यह विवाद थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। अब मण्डल समिति में 5-6 सदस्य ऐसे बताये जा रहे है जो एक ही संस्थान से संबंधित है। आरोप लगाए जा रहे है कि समिति में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को स्थान न देकर मनमाने ढंग से अपने-अपने लोगों को भर लिया गया है।
ताजा घटनाक्रम में गाँव अध्याना के युवाओं ने संघटन द्वारा की जा रही लगातार उपेक्षा से नाराज होकर मोर्चा खोल दिया है। अब इस विवाद की आंच जनप्रतिनिधियों तक पहुँच रही है। गॉंव के युवा आरोप लगा रहे है कि संगठन में तो उपेक्षा हो ही रही है साथ ही जनप्रतिनिधि के पास भी यदि किसी कार्य को लेकर जाते है तो वो नहीं सुनते है और उनके जवाब अटपटे होते है। युवाओं ने इस संबंध जातिगत भेदभाव के आरोप लगाते हुए राजनीतिक क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है। जिससे जनप्रतिनिधि समर्थक कुलबुला उठे है। ग्राम अध्याना के ग्राम प्रधान विनोद कुमार, वरिष्ट भाजपा नेता राजेश त्यागी व अन्य समर्थकों ने जनप्रतिनिधि का बचाव करते हुए एक वीडियो जारी करा दिया। अब उसी वीडियों में से अलग-अलग तरह के मीमस सोशल मीडिया पर वाईरल हो रहे है।
उधर, नगर मण्डल अध्यक्ष आलोक जैन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समिति विवाद बेबुनियाद है। दरअसल, जिस समाज की उपेक्षा के आरोप लगाए जा रहे है उस समाज से भाजपा के सक्रिय सदस्य ही नहीं है। बिना सक्रिय सदस्यता के समिति में नहीं लिया जा सकता।
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भाजपा जिलाअध्यक्ष महेंद्र सैनी ने 24 सिटी न्यूज से बात करते हुए कहा कि युवाओं को थोड़ा धर्य रखना चाहिए अभी केवल मंडलों की समिति का गठन हुआ है, अभी तो संगठन में 6 मोर्चे, 18 प्रकोष्ठ 22 प्रकल्प और 22 विभागो की घोषणा बाकी है। निश्चित रूप से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सभी कार्यकर्ताओं को स्थान व उचित सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा समिति में केवल सक्रिय सदस्यों को ही स्थान मिलता है। केवल दो ही अपवाद है एक महिलाओं के लिए व दूसरे अनुसूचित समाज के लोगों के लिए।
इस विवाद पर गॉंव अध्याना निवासी व विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष दिग्विजय त्यागी ने कहा कि हालांकि यह विषय भाजपा से संबंधित है इसलिए इस पर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं लेकिन गाँव से संबधित होने के चलते इतना कहना चाहता हूँ कि आलोचनाएं तो होती रहती है। जनप्रतिनिधियों को आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। उन्हे अपने समर्थकों को समझाना चाहिए कि हर क्रिया पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे इस तरह कि गतिविधियां बढ़ेंगी। सर्वसमाज को साथ लेकर चलना ही बुद्धिमत्ता है। कोई भी चुनाव केवल एक समाज के बलबूते नहीं जीता जा सकता।
उन्होंने कहा, विधायक या सांसद के विचार विस्तृत होने चाहिए। यह ध्यान रखने की आवश्यकता है किसी भी गाँव में ग्राम प्रधान का पक्ष व विपक्ष होता है। ग्राम प्रधान का चुनाव छोटा चुनाव है जिसमें व्यक्तिगत संबंध अधिक मायने रखते है, जबकि विधायक या सांसद का चुनाव विचारधारा का चुनाव होता है। आवश्यक नहीं जो प्रधान का विपक्ष है वो विधायक या सांसद का भी विपक्ष हो। जहां तक गॉंव के युवाओं की भाजपा में उपेक्षा की बात है तो युवाओं को अपनी बात शालीनता से पार्टी फोरम पर रखनी चाहिए, मुझे विश्वास है वहाँ निश्चित रूप से समाधान होगा।