मुस्लिम कौम आज से नहीं बल्कि हजारों सालों से मुल्क में रहती है: अरशद मदनी

मुस्लिम कौम आज से नहीं बल्कि हजारों सालों से मुल्क में रहती है: अरशद मदनी
  •  आसाम सरकार की सरकारी मदरसों को बंद किए जाने की घोषणा पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि यह उन फिरकापरस्त लोगों का फैसला है जिन्होंने पूर्व में तब्लीगी जमात को भी निशाना बनाया था।

देवबंद [24CN] । शनिवार को मौलाना सैयद अरशद मदनी ने फैसले की निंदा करते हुए कहा कि आसाम सरकार का मकसद मुसलमानों को मजहबी एतबार से मायूसी का शिकार बनाना और उन्हें यह अहसास कराना है कि उनके लिए मजहब पर चलना आसान नहीं है। बल्कि उनके यह रास्ते बंद कर दिए गए हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि मुस्लिम कौम आज से नहीं बल्कि हजारों सालों से मुल्क में रहती है। वे अपने दीन के मसले में किसी की मोहताज नहीं है। बल्कि वे अपने पैरों पर खड़ी है। मुल्क के अंदर हजारों मदरसे चल रहे हैं। हालांकि इस वक्त ये कौम बदहाली का शिकार है, मगर उसके बावजूद अपने दीन पर कायम है और अपने मदारिस व मसाजिदों को जिंदा रखे हुए है। उन्होंने कहा कि अगर यह दो चार फीसद मदरसे भी हुकुमत की फिरकापरस्ती का शिकार हो जाते हैं तो मैं समझता हूं कि मुसलमानों को ओर अधिक ताकत के साथ इन मदरसों की मद्द करनी चाहिए। मौलाना मदनी ने कहा कि जब चुनाव का समय करीब आता है तो इस तरह के मसले खड़े किए जाते हैं। हो सकता है कि यह भी चुनावी कार्ड हो।

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