मुहर्रम का चांद दिखा, या-हुसैन की सदाओं के साथ निकाला जुलूस

मुहर्रम का चांद दिखा, या-हुसैन की सदाओं के साथ निकाला जुलूस
सहारनपुर के नानौता में प्रवचन करते शिया धर्मगुरू एवं जुलूस निकालते शिया समुदाय के नागरिक।

पेशवाई जुलूस के साथ ही नगर के विभिन्न इमामबारगाहों में मजलिसों का दौर हुआ शुरु
पेशवाई में बड़ी संख्या में काले कपड़े पहने हुए लोग या-हुसैन की सदाओं के साथ नोहख्वानी और सीनाजनी की

नानौता। मुहर्रम का चांद दिखाई देते ही शिया समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। गमगीन माहौल में या-हुसैन की सदाओं के बीच शिया समुदाय द्वारा मुहर्रम के आगाज का ऐलान करते हुए पेशवाई का जुलूस निकाला गया। इसके साथ ही बाद नगर के विभिन्न इमामबारगाहों में मजलिसों का दौर शुरु हो गया।  बृहस्पतिवार की शाम मुहर्रम का चांद नजर आने पर नगर के शिया समुदाय द्वारा इमामबारगाह असद अली छत्ता से एक जुलूस पेशवाई बरामद किया गया।

पेशवाई में बड़ी संख्या में काले कपड़े पहने बच्चे, बूढ़े और जवान या हुसैन की सदाओं के साथ नोहख्वानी और सीनाजनी करते हुए अलम के पीछे चल रहे थे। मोहल्ला छत्ता से शुरु हुआ जुलूस नगर के इमामबारगाह इनायत हुसैन, कसरे जहरा, दरबार ए हुसैन कोट, महल, दादा मिराजी कर्बला, दरगाह इमाम हुसैन, हुसैनिया पर सलामी देते हुए इमामबारगाह सब्जवारियान कदीम पर संपन्न हुआ। वहीं जुलूस से पूर्व इमामबारगाह असद अली छत्ता में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना तनवीर आलम ने बयान किया कि 61 हिजरी मुहर्रम के महीने में पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को उनके पूरे परिवार और साथियों को यहाँ तक कि छह महीने के बच्चे तक को भी तीन दिन तक भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था। उनकी याद में हर साल शिया सोगवारों द्वारा मुहर्रम माह में मजलिस, जुलूस आदि करके उनके इंसानियत के पैगाम को लोगों तक पहुँचाया जाता है।

इस दौरान अमीर हैदर जैदी, नवेद अख्तर बबली, जोहर अली बबलू जैदी, आमिर हसनैन, तफसीर हैदर, पयाम मेंहदी, जफर मेहंदी, मोनू आब्दी, मेहताब हुसैन, अली रजा, नबी अख्तर, मुन्सिफ हुसैन, अली साहिल, शोयब आब्दी, हैदर अली सहित हजारों की संख्या में शिया सोगवार मौजूद रहे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *