कोविड-19 महामारी के दौरान जोखिम भरी परिस्थितियों में आये बच्चों को उत्तरजीविता, विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण प्रदान करने हेतु निगरानी एवं सूचना तंत्र स्थापित – जिलाधिकारी

सहारनपुर [24CN] । जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के ऐसे समस्त बच्चे जिनके माता-पिता की कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु हो गई हो अथवा जिन बच्चों के कोई अभिभावक न हों या जिन्हें अभिभावक होने के बाद भी वह अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हांे, ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता या दोनों कोविड-19 से ग्रसित होने के कारण अस्पताल अथवा होम आइसोलेशन में हों और उनके बच्चों की देखरेख करने वाला कोई न हो, ऐसे बच्चे जिनके माता तथा पिता कोविड धनात्मक नहीं पाये गये किन्तु समस्त लक्षण कोविड-19 के समान ही थे और उपचार के दौरान अथवा अभाव में उनकी मृत्यु हो गई या वे अस्पताल में भर्ती हों तथा ऐसे बच्चों की देखरेख करने वाल कोई न हो। ऐसे बच्चों की उत्तरजीविता, विकास, सुरक्षा तथा संरक्षण सुनिश्चित किये जाने हेतु जनपद स्तर पर निगरानी एवं सूचना तंत्र स्थापित किया गया है।
श्री अखिलेश सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने कहा कि इस निगरानी एवं सूचना तंत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गठित ग्राम और मौहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से प्रतिदिन ऐसे बच्चों के सम्बन्ध में प्रारूप पर सूचना उपलब्ध करायेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल संरक्षण योजना के अन्तर्गत समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में गठित ‘‘ग्राम बाल संरक्षण समिति’’ जिनकी सदस्य सचिव आँगनबाड़ी कार्यकत्री हैं, के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित बच्चों का डाटा प्रारूप पर एकत्र कर उपलब्ध करायेंगी। उन्होने कहा कि ऐसे बच्चों को 24 घंटे के अन्दर अनिवार्य रूप से बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।
बाल कल्याण समिति द्वारा कोविड की परिस्थिति में यथासंभव भौतिक प्रस्तुतीकरण की अपेक्षा डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया जायेगा तथा केस-टू-केस के आधार पर ऐसे बच्चों के पुनर्वासन के सम्बन्ध में तत्काल संस्थागत अथवा गैर संस्थागत संरक्षण हेतु आवश्यक आदेश निर्गत किया जायेगा। उन्होने कहा यदि किसी बच्चे को रिश्तेदार की देखभाल में रखा जाता है, तो बाल कल्याण समिति ऐसे बच्चों के हित में उसका निरन्तर जांच करती रहेगी। उन्होने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, के सम्बन्ध में चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर-1098 या महिला हेल्पलाइन-181 पर प्राप्त ऐसे बच्चों की सूचना चाइल्ड लाइन द्वारा 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। चाइल्ड लाइन द्वारा ऐसे बच्चों की सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को हेल्पलाइन नम्बर 011-23478250 पर भी दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से ग्राम निगरानी समितियों एवं ग्राम सुरक्षा समितियों के माध्यम से ऐसे बच्चों के सम्बन्ध में सूचना उपलब्ध करायी जाएगी। जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा ऐसे बच्चों के सम्बन्ध में ग्राम पंचायतों के राशन डीलरों के माध्यम से सूचना प्राप्त करते हुए सूचना उपलब्ध करायी जाएगी। उपायुक्त, श्रम द्वारा प्रवासी श्रमिकों के परिवारों से यदि ऐसे बच्चों की सूचना प्राप्त होती है तो उनकी सूचना प्राप्त कर सूचना निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन उपलब्ध करायी जाएगी।
प्रभारी अधिकारी, कोविड कन्ट्रोल रूम, को यदि ऐसे बच्चों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होती है तो वह निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन सूचना उपलब्ध करायेंगे। प्रभारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई अथवा पुलिस अधीक्षक (यातायात) द्वारा जनपद के समस्त थानों में नामित बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों (ए0एस0आई0स्तर) के माध्यम से ऐसे बालकांे के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन उपलब्ध करायेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जनपद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के माध्यम से ऐसे बालकों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त करते हुए निर्धारित प्रारूप पर प्रतिदिन उपलब्ध करायी जाएगी।
श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत से ऐसे संदेश प्रसारित किये जा रहे हैं जिनमे बच्चों के माता-पिता की मृत्यु के उपरान्त उन्हें गोद देने की पेशकश की जा रही है जोकि किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार गैर कानूनी एवं दण्डनीय है। बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेने हेतु www.cara.nic.in पर रजिस्ट्रेशन कर गोद लिया जा सकता है। उन्होने कहा कि इस संदर्भ में विशेष किशोर पुलिस इकाई, चाइल्ड लाइन (1098) तथा जिला बाल संरक्षण इकाई सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस प्रकार के बच्चों के बारे में सूचनायें प्राप्त होने पर बाल कल्याण समिति के समक्ष ऐसे बालकों को गोद लेने अथवा उनकी देखरेख हेतु आदेश निर्गत करने हेतु प्रस्तुत किया जायेगा। इस हेतु जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जायेगा। उन्होने कहा कि संबंधित सभी अधिकारी ऐसे बच्चोें की सूचना प्रारूप पर जिला प्रोबेशन अधिकारी को प्रतिदिन ई-मेल dpowwsaharanpur@gmail.