नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया। खासतौर पर उन्होंने मुस्लिम वोटरों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मुस्लिम महिलाओं से संपर्क करें और उनके समर्थन को सुनिश्चित करें, क्योंकि तीन तलाक के कानून, पीएम आवास योजना और उज्ज्वला योजना जैसी केंद्र की योजनाओं से मुस्लिम महिलाओं को काफी लाभ हुआ है।
सी श्रेणी के बूथों पर फोकस
मिल्कीपुर में कुल 414 पोलिंग बूथ हैं, जिनमें से लगभग 90 बूथ सी श्रेणी के हैं, जहां अधिकतर मुस्लिम और यादव वोटर होते हैं। इन बूथों पर बीजेपी को पारंपरिक रूप से कम समर्थन मिलता है। इस चुनौती को देखते हुए सीएम योगी ने कहा, “सी श्रेणी के बूथों पर पूरी ताकत झोंकी जाए।” उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी को बुलाकर बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिया।
समाजवादी पार्टी पर हमला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा, “जिन लोगों ने अयोध्या को रामभक्तों के खून से सींचा, वे आज यहां जमीन घोटाले के आरोप लगा रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अयोध्या में कोई जमीन घोटाला नहीं हुआ है, बल्कि विकास परियोजनाओं के लिए ली गई जमीन के बदले 1700 करोड़ रुपये का मुआवजा लोगों को दिया गया है।
मिल्कीपुर के लिए 1100 करोड़ रुपये की सौगात
मुख्यमंत्री योगी का मिल्कीपुर में यह एक महीने के भीतर पांचवां दौरा था, जो इस उपचुनाव की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने यहां 1100 करोड़ रुपये की 83 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिनमें से 40 योजनाएं सिर्फ मिल्कीपुर क्षेत्र की हैं। बीजेपी की कोशिश हर हाल में यह उपचुनाव जीतने की है, खासतौर पर क्योंकि इस क्षेत्र में लगभग 65 हजार यादव और 35 हजार मुस्लिम वोट हैं। पार्टी अब समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने की रणनीति बना रही है।
अखिलेश यादव के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पहले समाजवादी पार्टी के पास थी। यहां के पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद के फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह उपचुनाव हो रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी इस चुनाव में अवधेश प्रसाद के बेटे को प्रत्याशी बना सकती है, जिससे पार्टी अपने पारंपरिक वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है।