Militancy in Jammu: जिला सांबा से TRF का शीर्ष आतंकी जहूर गिरफ्तार, 3 भाजपा नेताओं की हत्याओं में था शामिल
जम्मू : आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ रही जम्मू-कश्मीर पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पिछले साल कुलगाम में तीन भाजपा नेताओं व पुलिस कर्मी की हत्या में शामिल द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के शीर्ष आतंकी को जिला सांबा से गिरफ्तार किया है। आतंकी को गिरफ्तार करने के लिए अनंतनाग पुलिस का विशेष दल सांबा आया था। 12-13 फरवरी की मध्य रात्रि को पुलिस के इस विशेष दल ने जिला सांबा में जिस जगह यह आतंकी छिपा हुआ था, छापा मारा और इसे गिरफ्तार कर लिया। आतंकी को कश्मीर ले जाया गया है।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने स्वयं इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि गिरफ्तार आतंकी की पहचान जहूर अहमद राथर उर्फ साहिल उर्फ खालिद के तौर पर हुई है। आइजीपी ने कहा कि हत्या के बाद से ही पुलिस इसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। गत दिनों विश्वसनीय सूत्रों से अनंतनाग पुलिस को यह जानकारी मिली की जहूर जिला सांबा में छिपा हुआ है। सूचना मिलते ही अनंतनाग पुलिस का विशेष दल उसकी दरपकड़ के लिए जम्मू के लिए रवाना हो गया। शुक्रवार व शनिवार की मध्य रात्रि को पुलिस ने बताए गए ठिकाने पर अचानक से छापा मारा और जहूर को जिंदा पकड़ लिया।
आपको बता दें कि जहूर ने गत वर्ष 29 अक्तूबर को कुलगाम के वाइके पोरा तीन भाजपा कार्यकर्ताओं फिदा हुसैन याटू, उमेर रशीद बेग और उमर रमजान हाजम की हत्या कर दी थी। ये तीनों भाजपा नेता जब एक कार में जा रहे थे तभी रात करीब 8.20 बजे के सामने से आए आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दी। गंभीर रूप से घायल तीनों युवकों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि हमलावर एक ऑल्टो कार में भाग गए। जांच करने पर टीआरएफ आतंकी जहूर का नाम सामने आया। इसके अलावा जहूर ने उसी साल फूरा में एक पुलिस कर्मी की भी हत्या की थी। इन हत्याओं के बाद से ही जहूर गायब था। आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि द रजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा का ही एक अन्य संगठन है।
जहूर को कश्मीर ले जाया गया है। वहां पहुंचने पर उससे पूछताछ की जाएगी। जहूर का जिला सांबा में पकड़ा जाना आतंकी घुसपैठ के नेेटवर्क को भी जाहिर करता है। अकसर आतंकी सांबा सेक्टर से ही घुसपैठ करते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जहूर से पूछताछ में सांबा अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में आतंकी सहयोगियों का भी पता लगाया जाएगा।