फीस वृद्धि व नए पाठ्यक्रम के खिलाफ मंडलायुक्त को सौंपा ज्ञापन

- सहारनपुर में मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपने जाते अभिभावक संघर्ष समिति के पदाधिकारी।
सहारनपुर [24CN] । अभिभावक संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने जनपद के नामचीन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों द्वारा कोरोना काल में फीस पूरी फीस वसूलने व नया पाठ्यक्रम बदलने के विरोध में मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की जांच कराने तथा अभिभावकों को राहत दिलाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अभिभावक संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय वालिया ने मंडलायुक्त ए. वी. राजमौलि को बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते गत वर्ष 23 मार्च को लगाए गए लॉकडाउन के कारण लोगों के कारोबार बंद हो गए थे तथा कई लोगों के घर में खाने के लाले भी पड़ गए थे। इस कारण अभिभावक संघ द्वारा स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की केवल तीन माह की फीस माफ करने की आवाज उठाई थी। इस कारण अधिकांश स्कूलों ने गरीब व मजबूर बच्चों की पूरी अथवा आंशिक फीस माफ कर दी थी। इसके बावजूद महानगर के लगभग एक दर्जन नामचीन स्कूलों द्वारा बच्चों की पूरी फीस वसूल की गई। साथ ही बच्चों को पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। इस कारण गरीब बच्चे फीस जमा करने व नया पाठ्यक्रम खरीदने में सक्षम नहीं हैं। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावकों को पूरी फीस जमा करने व नया पाठ्यक्रम खरीदने के लिए मजबूर किया गया।इस कारण अनेक अभिभावकों द्वारा ब्याज पर पैसा लेकर फीस जमा की गई तथा नए पाठ्यक्रम की किताबें खरीदी गई। इस कारण अनेक अभिभावक अवसाद में आ गए हैं। प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि यदि कोई अभिभावक इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसके बच्चे के साथ स्कूल में दुव्र्यवहार किया जाता है।
संयोजक फरहाद आलम गाड़ा ने कहा कि नामचीन स्कूल संचालकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा देने के नाम पर अभिभावकों से जबरन पूरी फीस वसूली जा रही है। जबकि कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने के कारण स्कूलों के 60 प्रतिशत खर्च कम हो गए हैं तथा स्कूल संचालकों द्वारा अध्यापकों को भी पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने स्कूलों के वेतन रजिस्ट्रर व बैंक खातों की जांच कराने के साथ-साथ अध्यापकों को दिए गए वेतन की भी जांच कराने की मांग की।
उनका कहना था कि अभिभावक संघर्ष समिति द्वारा अनेक बार जिले में तैनात प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर शासन के निर्देशानुसार स्कूलों में फीस वृद्धि नहीं किए जाने तथा कोरोना काल की फीस माफ करने की मांग की गई थी परंतु उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना था कि इन नामगिरामी स्कूलों में अधिकारियों के बच्चे पढ़ते हैं जिससे मिलीभगत के चलते इन स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने मंडलायुक्त से इस मामले में जांच कराकर अभिभावकों को राहत दिलाए जाने की मांग की।