कमलेश तिवारी हत्याकांड में आरोपियों को शरण देने वाला मौलाना गिरफ्तार, एक हिरासत में
कमलेश हत्याकांड के आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन को शरण देने के आरोपी मुफ्ती कैफी अली को लंबी पूछताछ के बाद यूपी पुलिस ने बृहस्पतिवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया। कैफी पर आरोप है कि हत्या के बाद लखनऊ से बरेली पहुंचे दोनों हत्यारों की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी बल्कि उनको शरण देने और भगाने में मदद करता रहा। वहीं बरेली से हिरासत में लिए गए नावेद से पूछताछ जारी है।
नावेद के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है कि उसने अशफाक और मोइनुद्दीन को बरेली में रात में रुकवाने और फिर अगले दिन नेपाल तक पहुंचाने में मदद की। इस बीच डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने गिरफ़्तार किए गए सभी आरोपियों से देर रात लंबी पूछताछ की और सिलसिलेवार घटनाक्रम की जानकारी हासिल की। डीजीपी ने हत्या के मकसद, साजिश में शामिल अन्य लोगों के बारे में सवाल किए।
डीजीपी ने किसी तरह के सीमा पार कनेक्शन या आतंकी संगठन से संबंधों के बारे में भी पूछताछ की। उधर, पूर्व में गुजरात और नागपुर से गिरफ्तार कर लाए गए साजिश कर्ताओं और हत्या के मुख्य आरोपियों का पुलिस ने आमना सामना भी कराया। पुलिस के सूत्रों का दावा है कि आसिम द्वारा बताई गई कुछ बातों की तस्दीक नहीं हो पाई है। हत्या के दोनों आरोपियों को रिमांड पर आने के बाद उनका दोबारा आमना सामना कराया जाएगा।
48 घंटे की रिमांड पर हत्या के मुख्य आरोपी
कमलेश हत्या के मुख्य आरोपियों को बृहस्पतिवार की शाम प्रभारी सीजेएम सुदेश कुमार की कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश कुमार ने दोनों हत्यारोपियों की रिमांड मांगी और रिमांड के लिए दलीलें पेश की। अदालत ने दोनों आरोपियों को 25 अक्तूबर की सुबह 10 बजे से लेकर 27 अक्तूबर सुबह 10 बजे तक कुल 48 घंटे रिमांड पर दिए जाने के निर्देश दिए।