लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में ‘बाजार का प्रसाद’ बैन, तिरुपति लड्डू विवाद का असर

लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर में ‘बाजार का प्रसाद’ बैन, तिरुपति लड्डू विवाद का असर

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट का विवाद अब पूरे देश में फैल रहा है। तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवर की चर्बी मिलने के आरोप के बाद से कई मंदिरों में नए नियम लागू किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने भी बड़ा फैसला लिया है। अब इस मंदिर में बाजार से खरीदा गया प्रसाद लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

बाजार का प्रसाद प्रतिबंधित

लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालु अब बाजार से खरीदा गया प्रसाद नहीं ला सकेंगे। तिरुपति लड्डू विवाद के बाद, मंदिर की महंत दिव्यागिरी ने बाजार से लाए गए प्रसाद पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। महंत दिव्यागिरी द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि भक्त केवल घर पर बने प्रसाद या सूखे मेवे ही मंदिर के गर्भगृह में चढ़ा सकते हैं।

महंत दिव्यागिरी का आदेश

महंत दिव्यागिरी ने मंदिर प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में कहा है, “विशेष सूचना: मंदिर में भोग के लिए केवल घर पर बना हुआ प्रसाद या सूखे मेवे ही चढ़ाएं। तिरुपति बालाजी लड्डू प्रसादम में मिलावट की घटना के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि बाजार से लाए गए किसी भी प्रसाद को गर्भगृह में चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।”

कर्नाटक के मंदिरों में भी सख्ती

तिरुपति लड्डू विवाद के बाद कर्नाटक सरकार ने भी अपने मंदिरों के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में कर्नाटक के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने एक परिपत्र जारी कर सभी मंदिरों को प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, मंदिरों को ‘कर्नाटक मिल्क फेडरेशन’ के नंदिनी ब्रांड के घी का ही उपयोग करने को कहा गया है।

टीटीडी का महाशांति होम

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने लड्डू विवाद को शांत करने के लिए महाशांति होम का आयोजन किया। इस अनुष्ठान में टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी शमाला राव और बोर्ड के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।


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