मप्र जेल में बंद सिमी के कई कैदियों ने छोड़ा खाना-पीना, खतरनाक मांगों की जिद पर अड़े

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित केंद्रीय जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के गुर्गे देश और कानून के लिए खतरनाक मांगों को मनवाने की जिद पर अड़े हुए हैं। इनकी मुख्य मांग जेल में बंद अपने अन्य साथियों से मिलने-जुलने की छूट देने की है। वे यह भी चाहते हैं कि जेल परिसर में इन्हें घूमने-फिरने की आजादी दी जाए। सिमी गुर्गो की यह मांग इसलिए खतरनाक है क्योंकि साथियों से मेल-मुलाकात में ये किसी साजिश को अंजाम दे सकते हैं।
इस आशंका का आधार यह है कि एक बार सिमी के आठ विचाराधीन बंदी यही जेल तोड़कर भाग चुके हैं। अपनी अनुचित मांगों को मनवाने के लिए ये बंदी खाना-पीना छोड़कर दबाव बना रहे हैं। केंद्रीय जेल में फिलहाल सिमी के 28 बंदी कैद हैं। इनमें से नौ विचाराधीन तो 19 सजायाफ्ता हैं। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे इन बंदियों में से पांच ने खाना-पीना छोड़ रखा है। एक बंदी अबु फैजल का नाम अहमदाबाद बम धमाकों में भी आया था, इसने तीन माह से खाना-पीना छोड़ रखा है।
जेल प्रशासन नली के माध्यम से दे रहा तरल पदार्थ
करीब दस दिन पहले जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए सादुली, सिबली, कमरद्दीन और कामरान ने भी यही हथकंडा अपना लिया है। जेल प्रशासन इन्हें नली (राइल्स ट्यूब) के माध्यम से तरल पदार्थ दे रहा है। गौरतलब है कि, 30-31 अक्टूबर 2016 की रात को भोपाल केंद्रीय जेल से सिमी के आठ विचाराधीन बंदी जेल तोड़कर भाग निकले थे। भागने के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने सभी को एनकाउंटर में मार गिराया था। खतरनाक इरादों को अंजाम देने में माहिर इन बंदियों के मंसूबे नाकामयाब करने के लिए जेल में अलग व्यवस्था है। इन्हें अलग बैरकों में रखा जाता है। इनके आपस में मिलने-जुलने पर पाबंदी है। अब ये लोग अपने साथियों से मुलाकात के लिए दबाव बनाने की साजिश के तहत खाना-पीना छोड़ने की रणनीति अपना रहे हैं।
इसलिए खतरनाक है इनकी मांग
सूत्रों का कहना है कि जेल में सिमी के गुर्गे अपने खतरनाक इरादे जाहिर करते रहते हैं। जेल के अंदर कहीं भी आने-जाने की सुविधा मांगना इसलिए खतरनाक है कि वे जेल से संबंधित जानकारी जुटा सकते हैं। साथियों के एक जगह जमा होने से किसी भी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने की आशंका है। इनकी एक मांग यह भी है कि धार्मिक किताबों की तलाशी न ली जाए। जबकि, जेल नियमों में यह व्यवस्था सभी बंदियों के लिए लागू होती है।
सिमी के कई बंदियों ने खाना-पीना छोड़ा
सिमी के कई बंदियों ने खाना-पीना छोड़ रखा है। सभी को नली के माध्यम से तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं। चिकित्सकीय जांच भी कराई जा रही है। सभी स्वस्थ हैं। साथियों से मुलाकात और जेल में घूमने की छूट संबंधी इनकी मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। खतरनाक होने से इन्हें अलग-अलग बैरक में रखा जाता है। मानवाधिकार के तहत आवश्यक सुविधाएं इन्हें दी जाती हैं।
-दिनेश नरगावे, जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल भोपाल