मदनी बोले- जेलों में बंद कैदियों को अंतरिम जमानत पर किया जाए रिहा, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
मुंबई की प्रसिद्ध आर्थर रोड और बाईकला जेल में बंद आरोपियों व जेल स्टाफ की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर अनुरोध किया है कि वे राज्य सरकारों को आदेश करे कि जेल से कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। ताकि उन्हें कोरोना के खतरे से बचाया जा सके।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत का यह इतिहास रहा है कि उसने हमेशा धर्म से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर धार्मिक भेदभाव के किए बिना सभी के लिए काम किया है। मदनी ने कहा कि कोरोना वायरस से रक्षा के लिए देश की जेलों में वर्षों से सजा काट रहे कैदियों की रिहाई के संबंध में जो महत्वपूर्ण याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है, उसमें भी सभी कैदियों की रिहाई का अनुरोध किया गया है, लेकिन अफसोस तो यह है कि देश के बेलगाम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इस महामारी को भी धार्मिक रंग देने में संकोच नहीं किया, लगातार यह प्रचार किया गया कि यह महामारी मुसलमानों ने फैलाई है।