Love Jihad: उत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त करने की तैयारी, यहां 2018 में बन चुका है लॉ

Love Jihad: उत्तराखंड में धर्म स्वतंत्रता कानून को और सख्त करने की तैयारी, यहां 2018 में बन चुका है लॉ

देहरादून । उत्तराखंड में जानबूझकर विवाह या गुप्त एजेंडे के जरिये धर्म परिवर्तन के खिलाफ पहले से मौजूद कानून को राज्य की भाजपा सरकार और सख्त बना सकती है। कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने यह बात कही है। हरिद्वार में शुक्रवार शाम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के लव जिहाद को सनातन परंपरा के खिलाफ बताया। साथ ही इसके खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने की पैरवी के बाद उत्तराखंड में भी लव जिहाद के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई।

महंत नरेंद्र गिरी के बयान के बाद कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सामने आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2018 में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक पारित कर इसे कानून बना चुकी है। दरअसल लव जिहाद को लेकर देशभर में छिड़ी सियासी बहस के बीच उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने कानून बनाने की घोषणा की है।

वहीं, प्रदेश की भाजपा सरकार दो साल पहले ही उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के जरिये लव जिहाद पर शिकंजा कस चुकी है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बलपूर्वक धर्म परिवर्तन का मामला पकड़ में आने पर कानून में सख्ती से निपटने का प्रविधान है। अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के मामले में न्यूनतम दो वर्ष की जेल व जुर्माने दोनों का प्रविधान है। धोखे से धर्म परिवर्तन कराने के मामले में मां-बाप, भाई-बहन पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकेगा।

अगर धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह किया गया तो धर्म परिवर्तन अमान्य होगा। धर्म परिवर्तन के लिए जिला मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक माह पहले शपथ पत्र देना होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस कानून को और सख्त किया जा सकता है।

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