लॉकडाउनः घर जाने के लिए मजदूर ने चुराई साइकिल, चिट्ठी में लिखा- ‘मुझे माफ कर देना’

लॉकडाउनः घर जाने के लिए मजदूर ने चुराई साइकिल, चिट्ठी में लिखा- ‘मुझे माफ कर देना’

भरतपुर  कोरोना संकट के कारण पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन लागू है। सरकार लॉकडाउन आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन लॉकडाउन की सबसे बड़ी कीमत प्रवासी मजदूरों को चुकानी पड़ रही है। दो वक्त की रोटी कमाने के लिए घर से निकले इन प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचने के लिए हजारों किमी का रास्ता तय करना पड़ रहा है। सड़के पर चलते-चलते कई मजदूर हादसों का शिकार हो चुके हैं। प्रवासी मजदूरों की कई दिल दहला दने वाली खबरें भी आई हैं। इस बीच राजस्थान के भरतपुर जिले से एक मामला सामने आया है। जहां एक प्रवासी मजदूर को अपने घर बरेली जाना था। लेकिन कोई साधन उपलब्ध नहीं था। मजदूर के साथ उसका दिव्यांग बेटा भी था। कोई साधन नहीं होने पर मजदूर ने एक व्यक्ति की साइकिल चोरी कर ली। वह ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मजबूरी थी।
PunjabKesari
चिट्ठी में क्या लिखा
मजदूर ने साइकिल वाले के लिए एक चिट्ठी लिखी, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। चिट्ठी में मजदूर कह रहा है कि मुझे माफ कर देना। मजदूर ने चिट्ठी में लिखा, मैं आपकी साईकिल लेकर जा रहा हूं। हो सके तो माफ कर देना। मेरा एक बेटा है जिसके लिए मुझे ऐसा करना पड़ रहा है क्योंकि वह दिव्यांग है। वह चल नहीं सकता है। मुझे बरेली तक जाना है। आपका कसूरवार एक यात्री।

प्रवासी मजदूर जान गंवा कर लॉकडाउन की कीमत चुका रहे हैं। शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए ट्रक हादसे में करीब 24 मजदूरों की जान चली गई। इससे पहले मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र में ऐसे हादसे हो चुके हैं। सरकार ने श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई हैं लेकिन जानकारी के अभाव में मजदूरी सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सरकारें बार-बार अपील कर रही हैं कि मजदूर ट्रेन और बस के जरिए ही यात्रा करें, लेकिन अपने घर पहुंचने को बेताब मजदूर अलग-अलग साधन कर रहे हैं और जान गवा रहे हैं।