भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी  बाल लीलाओं के श्रवण से चित्त होता है पवित्र: अर्द्धमौनी

भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी  बाल लीलाओं के श्रवण से चित्त होता है पवित्र: अर्द्धमौनी
  • सहारनपुर में श्रीमद् भागवत महापुराण में ज्ञान की अमृत वर्शा करते आचार्य धीरशांत दास अर्द्धमौनी।

सहारनपुर। नुमाइश कैम्प स्थित  श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास एवं प्रान्त प्रमुख मन्दिर एवं अर्चक-पुरोहित आचार्य धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान के अनन्त अवतरण एवं उनकी दिव्यलीलाओं के श्रवण मात्र से मनुष्य आनन्द धाम में सुवासित हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने यदुवंश में प्रकाटय कर गोपियों को आनन्द प्रदत्त किया। हजारों असुरों का संहार करके धर्म, संस्कृति एवं प्रेम का संवर्धन किया।

स्वामी मंगला नंद जी महाराज ने कहा कि  महाराज पृथु ने श्रीभगवान से कहा कि आप वर देने वाले ब्रह्मादि देवताओं को भी वर देने में समर्थ हैं। आपकी माया से ही मनुष्य अपने वास्तविक स्वरूप आपसे विमुख होकर अज्ञानवश अन्य स्त्री-पुत्रादि की इच्छा करता है। कोई भी बुद्धिमान् पुरुष आपसे देहाभिमानियों के भोगने योग्य विषयों को कैसे माँग सकता है? वे तो नारकी जीवों को भी मिलते ही हैं। मंगलानंद महाराज ने कहा कि गौ माता की सेवा से ही गौविन्द गोपाल प्रसन्न होते है। इसलिए प्रत्येक सनातनी हिन्दू को अपने दैनिक दिन चर्या में गौ सेवा को महत्व देना चाहिए और प्रतिदिन एक रुपया एक रोटी गौ सेवार्थ गौशाला में जाकर गौ माता को भोग लगाकर गौहत्या मुक्त भारत बनाने का संकल्प करना चाहिए।

आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर ने कहा कि यदि पाप, भगवान् से ज्यादा प्रबल हैं तो जीव का उद्धार ही नहीं होगा, परंतु कितना ही ठसाठस भरा हुआ अँधेरा हो, प्रकाश होते ही सब नष्ट हो जाता है। महामंडलेश्वर आचार्य कमल किशोर महाराज, स्वामी मंगलानन्द, अम्बा प्रसाद, अल्पना तलवार, वीणा, बजाज, ममता चानना, कृष्णा देवी,  गुलशन भंडारी, विवेक प्रताप, राहुल आर्य,  विजयकांत चैहान आदि ने कान्हा के जन्म दिवस की बधाइयां गाते हुए कृष्ण  भक्ति की मस्ती की धूम मचा दिया दिया।

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